दूसरे तरफ वे लोग भी है, जो किसी भी चीज़ से नहीं डरते एक दम मस्ती के साथ अपनी जिंदगी जीते है। उन्हें डेरिंग काम करने बेहद पसंद होते है। कुछ लोगो का शौक होता है, हिमायल की चढ़ाई करना, समुद्र की गहराई को मापना।
फिर शौक से लक्ष्य बन जाता है और फिर वे अपना लक्ष्य पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते है। आज की कहानी भी हिम्मत और जज्बे पर आधारित है। एक बिटिया जिसने 16500 फिट की चढ़ाई की हिमालय पर और भारत का झंडा लहरा दिया। आज इस बेटी ने भारत का नाम ऊंचा कर दिया। आइये बात करते है उनकी हिम्मत की।
बिहार राज्य के शरीफ के खंदक इलाके में रहने वाली प्रिया रानी (Priya Rani) जिनके पिता अनिल गुप्ता है। इस बेटी को बचपन से ही ट्रेकिंग का बहुत शौक था और ये बहूत बहादुर लड़की है इस बिटिया ने दोवारा से अपनी पर्वतारोहण की यात्रा को प्रारम्भ किया और हिमालयन रेंज की ‘रेनोक पीक, सिक्किम’ ऊँचाई 16,500 फीट को फतह कर लिया है।
हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान दार्जिलिंग में स्थापित है। यहाँ पर 1 मई से एक माह के प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था। इस ट्रेनिंग में पुरे देश से 66 प्रतिभागियों ने पार्ट लिया। जिसमे से केवल 45 प्रतिभागी ही चुने गए। और उन 45 में से 1 प्रिया रानी भी है जिसने बिहार शरीफ और संपूर्ण प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए सफलता प्राप्त की और पुरे बिहार का नाम रोशन किया।
रेनोक पीक पर चढाई का सफर हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान में रॉक क्लाइंबिंग, रैपलिंग, आइस ऐक्स-क्लाइंबिंग, रेस्क्यू तकनीक,सेल्फ अरेस्ट, ग्रुप अरेस्ट की ट्रेनिंग के पश्चात प्रारंभ हुई। टाइगर हिल की 22 किमी की चढ़ाई से शुरुआत हुई।
18 किलोग्राम का वजन और 7 घण्टे की रेगुलर यात्रा
प्रियारानी ने 22 KM की चढ़ाई टाईगर हिल (Tiger Hill) पर करने के बाद वे युकसम पीक की ओर आगे बढ़ी। कंचनजंगा (Kangchenjunga) के प्रवेश स्थल से बखीम ट्रेक पर युकसम पीक है। प्रियारानी यहाँ पर 18 किलो के वजन के साथ लगातार 7 घण्टे तक सफर करती रही और वे 7 घंटे के बाद 9,000 फीट की ऊंचाई पर आ पहुंची।
सबसे ऊंची चोटी पर लहराया भारत का झंडा
लगातार 7 घण्टे के सफर के बाद 9000 फीट की ऊँचाई पर थी। प्रियारानी इसके बाद वे युकसम पीक से 13,218 फीट की ऊंचाई पर डीजोंगरी हिमालयन रेंज की बर्फबारी में लगातार 8 घंटे चलती रही। और इस कठिन ट्रेक को पार के बाद वे चोअरी-खांग 14,600 फीट 8 घंटे के बाद पहुंची।
इसके बाद ही वे रहतोंग ग्लेशियर की भारी बर्फबारी में भी ट्रेकिंग करते रही। बर्फ़बारी जिसी कठिन परिस्थितियों से लड़कर आखिरकार वे हिमालय रेंज की रेनोक पीक सिक्किम 22 मई को पहुच चुकी थी, वहां की ऊंचाई लगभग 16,500 फीट है, जहा आज भारत का तिरंगा लहरा रहा है।
प्रिया रानी ने इस चढ़ाई के पहले भी की है चढ़ाई युनाम पीक की
रेनोक पीक (Renok Peak) की चढ़ाई से पहले भी प्रिया रानी ने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के युनाम पीक (Yunam Peak) पर चढ़ाई की थी। जिसकी ऊँचाई करीब 20,000 फीट थी। 15 अगस्त जिस दिन हमारा देश आजाद हुआ था। उस दिन प्रिया रानी ने युनाम पीक पर भारत का झण्डा फहराया था।
पूरे बिहार के साथ साथ पुरे भारत को गौरवान्वित कर दिया। अंजना यादव, प्रिया रानी और गोपाल कुमार भी फ्रेंडशिप पीक, पतालसु पीक जैसी चोटियों को चढ़ चुकेहै। ये देश ऐसे युवाओं से ही आगे चल रहा है। इसके लिए कई सारी संस्था काम कर रही है, उनके हौसले को बढ़ा रही है।