‘महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता’
दाहोद के डीएम को सोमवार को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने डर की बात कहते हुए कहा कि रंधिकपुर गांव के कई निवासी गांव छोड़कर जा रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि वे इसलिए जा रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी सुरक्षा का डर है, खासकर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उन्हें चिंता है। ज्ञापन में कहा गया है कि जब तक 11 दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, वे वापस नहीं लौटेंगे।
‘कुछ ग्रामीण गांव छोड़कर चले गए’
पुलिस ने कहा कि दोषी रंधिकपुर के पास एक गांव के रहने वाले हैं और वे इलाके में मौजूद नहीं हैं, लेकिन उन्होंने माना कि कुछ ग्रामीण गांव छोड़कर चले गए हैं। पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) आर. बी. देवधा ने कहा कि हमने स्थानीय लोगों से बात करने के बाद निश्चित स्थानों पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया है और गश्त बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि कुछ ग्रामीण अपना घर छोड़कर दूसरे शहरों में अपने रिश्तेदारों के साथ रहने चले गए हैं।
रंधिकपुर में लोगों से बात कर रही पुलिस
डीएसपी ने कहा कि पुलिस रंधिकपुर में लोगों के संपर्क में है और उनकी चिंताओं को दूर कर रही है। दाहोद के पुलिस अधीक्षक बलराम मीणा ने कहा कि 11 दोषी रंधिकपुर के पास सिंगवड़ गांव के मूल निवासी हैं, लेकिन वे इलाके में मौजूद नहीं हैं। सांप्रदायिक दंगों के बीच, रंधिकपुर गांव में तीन मार्च 2002 को बिल्किस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।एसपी ने किया पलायन से इनकार
मीणा ने कहा कि दोषियों को 15 अगस्त को रिहा किया गया था। आज 23 अगस्त है। अगर कोई पलायन होता तो हमें पता होता। साथ ही रिहा किए गए दोषी खुद इलाके में मौजूद नहीं हैं। वे चले गए हैं। हमें स्थानीय लोगों के डरने और भागने का कोई कारण नहीं दिखता है।