Billionaire Barber: रईसी में शाहरुख और सलमान को भी मात देता है ये नाई! पार्किंग में खड़ी रहती है 400 लग्जरी गाड़ियां

Billionaire Barber: हम आपको जिस नाई के बारे में बताने जा रहे हैं वो बेंगलुरु शहर के रमेश बाबू हैं। रमेश बाबू के पिता पी. गोपाल बेंगलुरू में नाई थे। जब रमेश सिर्फ़ 7 साल के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई। पिता की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी माँ के कंधो पर आ गई, जिसमे रमेश सहित तीन बच्चे और शामिल थे।

Billionaire Barber
उन्होंने तीन और मर्सिडीज और 4 BMW कारें अपने बेड़े में शामिल की, उनके पास दर्जनों Toyota Innova हैं

नई दिल्ली: नाई से हम सब बाल कटवाने और शेविंग के लिए जाते रहते हैं। आपने कई महंगे नाई को भी देखा होगा। कई लग्जरी सैलून भी हैं, जो कटिंग और शेविंग के काफी पैसे लेते हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसे नाई (Billionaire Barber) के बारे में बताने जा रहे हैं जो रईसी के मामले में बड़े-बड़ों को मात देता है। ये नाई (Billionaire Barber) कमाई के मामले में शाहरूख और सलमान खान जैसे महंगे फिल्मस्टारों से कम नहीं है। ये नाई BMW, Rolls Royce, Jaguar समेत 400 लक्ज़री गाड़ियों का मालिक है। इतना पैसा होने के बाद भी ये आज भी कटिंग करते हैं। चलिए आपको बताते हैं इनके बारे में।

जानिए कौन है ये नाई
हम आपको जिस नाई के बारे में बताने जा रहे हैं वो बेंगलुरु शहर के Ramesh Babu हैं। रमेश बाबू के पिता पी. गोपाल बेंगलुरू में नाई थे। जब रमेश सिर्फ़ 7 साल के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई। पिता की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी माँ के कंधो पर आ गई, जिसमे रमेश सहित तीन बच्चे और शामिल थे। बच्चों का पेट भरने के लिए रमेश बाबू की मां ने बतौर हाउसहेल्प काम किया। रमेश बाबू की मां महीने के 40 से 50 रुपये कमाती थी और इसी से बच्चों की पढ़ाई, खाना-पीना, कपड़ों का इंतज़ाम होता।

शुरुआत में आई काफी दिक्कतें
मां की मदद करने के लिए रमेश बाबू छोटे-मोटे काम करते, न्यूज़ पेपर बांटते तो कभी दूध बेचने आदि जैसे काम किए। इसी के साथ रमेश बाबू ने काम के साथ ही पढ़ाई भी जारी रखी और 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की। लेकिन रमेश बाबू ने कभी हार नहीं मानी और मेहनत करना जारी रखा।

इन तरह की बिजनस की शुरुआत
रमेश बाबू ने पढ़ाई छोड़ कर पिता की दुकान चलाने का निर्णय लिया। दुकान का नाम रखा गया “Inner Space”। ये दुकान रमेश बाबू के स्कूल के पास के ही शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में थी। कुछ ही दिनों में दुकान चल पड़ी। उन्होंने 1994 में अपने लिए लोन पर Maruti Suzuki Omni कार खरीदी। पर्सनल यूज के लिए खरीदी इस कार के लिए उनके पास पैसे तक नहीं थे। 3 महीने तक उन्होंने लोन रिपेमेंट नहीं कर पाए थे।

ऐसे मिली सफलता
रमेश बाबू की मां एक महिला के घर पर काम करती थीं।उस महिला ने रमेश को कार किराये पर चलाने का आइडिया दिया था। शुरुआत में उन्होंने खुद ही कार किराये पर चलाई, इसके बाद धीरे-धीरे इस बिजनेस में माहिर होते गए। जल्द ही उन्हें अदाज़ा हो गया कि वो ऑटोमोबाईल रेन्टल से मुनाफ़ा कमा सकते हैं। उन्हीं महिला की एक सलाह ने रमेश बाबू की किस्मत बदल दी।

हर तरह की लग्जरी गाड़ियों के हैं मालिक
रमेश बाबू के पास सिर्फ रॉल्स रॉयस ही नहीं बल्कि करीब 400 गाड़ियां हैं। इनमें से 120 लग्जरी कारें हैं। रमेश बाबू ने सबसे पहली लग्जरी कार Mercedes E Class 38 लाख रुपये में खरीदी थी। इसके बाद उन्होंने तीन और मर्सिडीज और 4 BMW कारें अपने बेड़े में शामिल की, उनके पास दर्जनों Toyota Innova हैं। रमेश बाबू के पास वैन और मिनी बसें हैं। इसमें Rolls-Royce Silver Ghost, Mercedes C, E and S class और BMW 5, 6 और 7 सीरीज जैसी लग्जरी गाड़ियां भी शामिल है। इतना ही नहीं उनके बेड़े में इंपोर्टेड मर्सिडीज वैन और टोयोटा मिनी बसें भी शामिल हैं।