भाजपा और धूमल करते है नियत नीति और विकास की राजनीति वहीं सुजानपुर विधायक गप्पा दा मीठा कड़ा बनाने में माहिर

भाजपा और धूमल करते है नियत नीति और विकास की राजनीति वहीं सुजानपुर विधायक गप्पा दा मीठा कड़ा बनाने में माहिर

जहां पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर में चहुमुखी विकास के आयाम स्थापित कर रहे है वही सुजानपुर विधायक अपनी जनसभाएं कर अपने पांच साल का रोना पीटकर पहाड़ी भाषा में गप्पा दा मीठा कड़ा खिलने में अवल और माहिर बन अपने मुंह मिठ्ठू खुद को कभी मुख्यमंत्री तो कभी मंत्री बना देते हैं। यह सुजानपुर भाजपा मीडिया प्रभारी विनोद ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही पिछले पांच सालों में सुजानपुर विधायक सिर्फ अपने पांच काम गिनवाने का काम करे जो वह कर नहीं पाए ।

वही प्रदेश में जय राम सरकार कैबिनेट मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने सुजानपुर का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं छोड़ा जहां पर उन्होंने विकास और उन्नति के रास्ते ना खोलें हों फिर चाहे रोजगार क्षेत्र में धौलासिद्ध जैसी परियोजना हो और सांसद रोजगार मेला के साथ-साथ प्रयास संस्था के माध्यम से ब्यूटीशियन टेक्नीशियन जैसे कोर्स करवा कर युवाओं को रोजगार प्रदान किया वही स्वास्थ्य की ओर देखा जाए तो सुजानपुर और टोनी देवी के अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट के साथ सुजानपुर के अनुराग ठाकुर द्वारा चलाई गई सासंद मोबाइल अस्पताल की सेवाएं उपलब्ध करवाकर जनता को राहत पहुंचाई।

सुजानपुर को जल शक्ति व विद्युत शक्ति के सब डिवीजन खुलवाए ऊटपुर में 10 करोड़ की आईटीआई और टोनी देवी में केंद्रीय विद्यालय बनवा कर शिक्षा क्षेत्र में कार्य किए लगभग 5 करोड़ का बी डी ओ भवन का निर्माण कार्य शुरू करवाया गया सुजानपुर की विभिन्न पंचायतों को करोड़ों रुपए के भवन राशि उपलब्ध करवाने के साथ-साथ करोड़ों रुपए की सड़कों के निर्माण कराकर यातायात मैंने आने वाली दुविधाओं को को दूर किया है हाल ही में सुजानपुर बस स्टैंड के लिए 50 लाख और कुठेरा पंचायत भवन के लिए 95 लाख की राशि उपलब्ध करवाई विनोद ठाकुर ने कहा कि सुजानपुर विधायक कि नजरों में सिर्फ विधायक निधि से टेंट शामियाने बांटना ही विकास कार्य है परंतु वह भूल जाते हैं विधायक की निधि जनता की निधि होती है परंतु वह अक्सर विधायक निधि को भी अपनी जेब की निधि समझ कर जनता को संबोधन करते नजर आते हैं।

विधायक अपनी ही सभाओं में कभी मुख्यमंत्री तो कभी मंत्री बन जाते हैं लेकिन विधायक की अंदरुनी खाते रातों की नींद छूमंतर और हार का डर सता रहा है क्योंकि उनका छल से भरा समाजसेवी चेहरा जनता के समक्ष आ गया है।