शिमला
जल शक्ति और बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के सपुत्र और धर्मपुर से इस बार भाजपा प्रत्याशी रजत ठाकुर की ओर से नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान जो शपथ पत्र दिया है उसमें चुनाव अधिकारी को गुमराह करने और झूठा शपथ दाखिल करने को लेकर याचिकाकर्ता रमेश ठाकुर ने एसडीएम के समक्ष हलफनामा दाखिल करते हुए रजत ठाकुर के नामांकन को रद्द करने की मांग की है.
रमेश ठाकुर द्वारा दायर हलफनामे में आरोप लगाया है कि मंत्री महेंद्र के बेटे रजत ठाकुर ने जो अपना शपथ पत्र दिया है उसमें संपत्ति का आधा अधूरा ब्योरा दिया गया है और कई चीजों पर स्थिति क्लियर नहीं की है और कई संपत्तियों को इस स्पथ पत्र में दर्शाया ही नहीं गया है.
रमेश ठाकुर ने कहा की जो नोटरी से अटेस्ट शपथ पत्र रजत की ओर से दिया गया है उसकी वैधता वर्ष 2020 में ही खत्म हो चुकी थी जुंगा में जो 22 बीघा जमीन रजत ठाकुर के नाम पर है लिखी नहीं गई है मनाली के होटल की कीमत बेहद कम दर्शाई गई है 200 बीघा जमीन पूरी जानकारी उनके पास है परंतु वह भी दर्शाई नहीं गई है रजत और उनकी पत्नी मंजू ठाकुर एक हाइड्रो प्रोजेक्ट हिमखंड पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं और उनके 95 हज़ार शेयर है शपथ पत्र में मार्केट वैल्यू दर्शाई ही नहीं है.
रमेश ने पत्र में यह भी दावा किया है रजत ठाकुर द्वारा जो हलफनामा दिया गया है उसमें जो जानकारियां छुपाई गए हैं उन सब की जानकारी उनके पास है ऐसे में उनके नामांकन को रद्द किया जाए
पत्नी मंजू 2017-18 तक कोई भी इनकम टैक्स नहीं भरती थी परंतु उन्होंने क़रीब दो करोड़ से अधिक कृषि भूमि जो 36 एकड़ से ज़्यादा है प्रदेश भर में ख़रीदी जो की हिमाचल लैंड सीलिंग क़ानून का खुला उल्लंघन है. अब दिए हल्फ़नामे में मार्केट वैल्यू करोड़ों की दर्शाई है.
धर्मपुर के प्रमुख कारोबारी रमेश ठाकुर मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के चुनावी शपथ पत्र को हाईकोर्ट में 5 वर्ष पूर्व चुनौती दे देकर पूरे प्रदेश में चर्चा में आए थे. उन्होंने मंत्री की शैक्षणिक योग्यता और दो पैन नंबर सहित कई गंभीर सवाल उठाए हैं. यह केस माननीय हाईकोर्ट में अब तक चला हुआ है और लगातार इस पर सुनवाई हो रही है.
याचिकाकर्ता रमेश ठाकुर ने कहा की चुनाव अधिकारी एसडीएम धर्मपुर ने दबाव में काम किया और रजत ठाकुर का नामांकन रद नहीं किया तो वह इस केस को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे