राज्य में 1990 के बाद कोई भी सरकार लगातार रिपीट नहीं हो पाई है। यानी कांग्रेस के बाद भाजपा और भाजपा के बाद कांग्रेस की सरकार बनाने का क्रम यहां जारी रहा है।
हिमाचल प्रदेश में भाजपा का राज बदल गया। यहां पांच साल बाद सरकार बदलने का रिवाज बरकरार रहा। भाजपा चुनाव हार गई जबकि कांग्रेस सरकार में आने में कामयाब हुई है। कांग्रेस को 68 में से 40 सीटों से पूर्ण बहुमत मिला है, जबकि भाजपा केवल 25 सीटों पर ही सिमट गई। तीन निर्दलीय भी चुनाव जीते हैं। हालांकि, भाजपा की एक प्रतिशत से भी कम मतों के अंतर से हार हुई है। कांग्रेस को 43.90 और भाजपा को 43.00 प्रतिशत वोट पडे़। दस में से आठ मंत्री चुनाव हार गए हैं। केवल दो मंत्री सुखराम चौधरी और बिक्रम सिंह ही जीत पाए हैं। एक अन्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के बेटे रजत ठाकुर ने भी उनकी परंपरागत सीट गंवा दी है।
राज्य में 1990 के बाद कोई भी सरकार लगातार रिपीट नहीं हो पाई है। यानी कांग्रेस के बाद भाजपा और भाजपा के बाद कांग्रेस की सरकार बनाने का क्रम यहां जारी रहा है। भाजपा यहां उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तर्ज पर पांच साल बाद सरकार बदलने के इस रिवाज को खत्म करने के नारे के साथ चुनाव लड़ी, जबकि कांग्रेस ने रिवाज नहीं, राज बदलने का नारा दिया। हिमाचल प्रदेश में इस विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मैजिक नहीं चला।
न ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की रणनीति काम आई। कांग्रेस के हाथ में पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लागू करना बहुत बड़ा मुद्दा लग गया। भाजपा के यहां बागियों ने भी समीकरण बिगाड़े। भाजपा का धुआंधार प्रचार भी काम नहीं आया। जानिए 25 सीटों पर भाजपा विधायक कौन कहां से जीता..
कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र से पवन काजल, नूरपुर से रणबीर सिंह, जसवां-परागपुर से बिक्रम सिंह ठाकुर, सुलह से विपिन सिंह परमार, चौपाल से बलवीर सिंह वर्मा, आनी से लोकेंद्र कुमार, बंजार से सुरेंद्र शौरी, पांवटा साहिब से सुखराम चौधरी, पच्छाद से रीना कश्यप और झंडूता से जीत राम कटवाल ने जीत हासिल की।
बिलासपुर सदर से त्रिलोक जम्वाल, श्री नयना देवी जी से रणधीर शर्मा, मंडी सदर से अनिल शर्मा, सराज से जयराम ठाकुर, जोगिंद्रनगर से प्रकाश राणा, सुंदरनगर से राकेश कुमार, बल्ह से इंद्र सिंह, नाचन से विनोद कुमार, द्रंग से पूर्ण चंद, करसोग से दीपराज भंथल और सरकाघाट से दलीप ठाकुर ने जीत हासिल की।
ऊना सदर से सतपाल सत्ती, चुराह से हंसराज, भरमौर से डॉ. जनक राज और डलहौजी से धविंद्र सिंह ने जीत हासिल की। तीन आजाद उम्मीदवार विजयी हुए हैं। इनमें नालागढ़ से केएल ठाकुर, हमीरपुर से आशीष शर्मा और देहरा से होशियार सिंह शामिल हैं।