कुल्लू विधानसभा सीट से निर्दलीय उतरे कद्दावर नेता महेश्वर सिंह को भाजपा और चिंतपूर्णी से निर्दलीय नामांकन भर चुके पूर्व मंत्री कुलदीप को कांग्रेस मनाने में सफल रही है। दोनों नेता शनिवार को अपना नामांकन वापस लेंगे। शनिवार को नामांकन वापसी का अंतिम दिन है। पूर्व सांसद महेश्वर सिंह कुल्लू विधानसभा सीट से अब बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव नहीं लडे़ंगे। वह शनिवार को भाजपा प्रत्याशी नरोत्तम ठाकुर के पक्ष में अपना नामांकन वापस लेंगे। पीटरहॉफ शिमला में गुरुवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम जयराम ठाकुर और पूर्व प्रदेश प्रभारी मंगल पांडे की ओर से मान-मनौव्वल के बाद शुक्रवार को भुंतर के हाथीथान में अपने समर्थकों के साथ बात कर महेश्वर ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है।
गौर हो कि बंजार से बेटे हितेश्वर के निर्दलीय चुनाव लड़ने पर अड़े रहने से भाजपा ने महेश्वर का कुल्लू सीट से टिकट काटकर नरोत्तम ठाकुर को दिया है। इसी से नाराज होकर महेश्वर ने भी बतौर निर्दलीय नामांकन भर दिया था। अब महेश्वर ने स्पष्ट किया कि भाजपा हाईकमान से बात हुई है कि अगर उनके साथ जुड़े कार्यकर्ताओं की संगठन और विकास कार्यों में अनदेखी हुई तो यह ठीक नहीं होगा। उधर, टिकट कटने से नाराज पूर्व मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप कुमार को निर्दलीय चुनाव न लड़ने के लिए मनाने में पार्टी कामयाब हो गई है।
शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश सह प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली ने चिंतपूर्णी जाकर कुलदीप को मनाया। बताया जा रहा है प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने कुलदीप को कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति का सह अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। कांग्रेस ने चिंतपूर्णी से इस बार कुलदीप का टिकट काटकर युवा नेता सुदर्शन बबलू को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, ठियोग से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे पूर्व मंत्री दिवंगत जय बिहारी लाल खाची के पुत्र विजय पाल खाची को मनाने का जिम्मा कांग्रेस ने सुखविंद्र सुक्खू को सौंपा है। शनिवार को सुक्खू ठियोग जाकर खाची से मुलाकात करेंगे।
45 नामांकन रद्द किए गए
विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दर्ज किए नामांकन पत्रों की छंटनी में 45 नामांकन रद्द किए गए। गत 17 अक्तूबर से नामांकन पत्र भरने शुरू हुए थे और 25 अक्तूबर को नामांकन पत्र दाखिल करने का अंतिम दिन था। अंतिम दिन तक 561 नामांकन दर्ज किए गए। छंटनी के बाद 516 प्रत्याशी मैदान में हैं। अब 29 अक्तूबर को नामांकन वापसी के बाद तस्वीर साफ होगी कि कितने प्रत्याशी चुनावी दंगल में उतरते हैं।