सत्ता के गुरूर व अहंकार में बोल रही है बीजेपी सरकार : राजेंद्र राणा

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5 साल तक हर मोर्चे पर फेल और फ्लॉप रही बीजेपी सरकार अपने पैरों तले जमीन खिसकती देखकर अनाप-शनाप टिप्पणियों पर उतर आई है। सत्ता के गुरूर व सुरूर में मदमस्त हुई बीजेपी सरकार का अहंकार अब सिर चढ़कर बोलने लगा है।

हमीरपुर (ब्यूरो): 5 साल तक हर मोर्चे पर फेल और फ्लॉप रही बीजेपी सरकार अपने पैरों तले जमीन खिसकती देखकर अनाप-शनाप टिप्पणियों पर उतर आई है। सत्ता के गुरूर व सुरूर में मदमस्त हुई बीजेपी सरकार का अहंकार अब सिर चढ़कर बोलने लगा है। यह बात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने झनियारा पंचायत के अधवाणी में 5 लाख की लागत से तैयार हुए महिला मंडल भवन उद्घाटन समारोह में कही है। राणा ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की कांग्रेस के ऊपर की गई बेहुदी टिप्पणी का आधार क्या है, जिसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि हम कांग्रेस को आने लायक ही नहीं रहने देंगे। राणा ने कहा कि यह बेहुदी टिप्पणी मुख्यमंत्री के पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है। ऐसी टिप्पणी बीजेपी ईवीएम के दम पर कर रही है या किसी ज्योतिषी के कहने पर कर रही है, यह सरकार को बताना होगा। सारे देश की तरह हिमाचल में महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार से हाल-बेहाल है लेकिन चुनावों से ऐन पहले अब मुख्यमंत्री सियासत के भविष्य वक्ता बनकर कांग्रेस का भविष्य बाचने में लगे हैं।

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बीजेपी की कारगुजारी से तंग आ चुकी जनता कर रही चुनाव का इंतजार
राणा सुजानपुर की विभिन्न पंचायतों में आयोजित समारोहों में कांग्रेस द्वारा दी गई सामाजिक गारंटियों का भरोसा दिलाकर अपने एडवांस चुनाव प्रचार मिशन पर निकले हैं। राणा ने कहा कि विगत उपचुनावों में हिमाचल की जनता अपने मंसूबे साफ करते हुए बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का सीधा व स्पष्ट संदेश दे चुकी है। अब जनता को सिर्फ चुनावों का इंतजार है। राणा ने कहा कि सत्ता बल व धन बल पर अनैतिक राजनीति करने वाली बीजेपी भूल रही है कि जनता अब बीजेपी से तंग आ चुकी है और सिर्फ चुनाव का इंतजार कर रही है। जनता ही नहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं की भी मानें तो बीजेपी में आंतरिक गुलामी व बंधुआ कारगुजारी का दौर शुरू है। जहां कार्यकर्ता को सिर्फ फरमान सुनाने के लिए रखा हुआ है। बाकि हर छोटा-बड़ा फैसला बीजेपी की तानाशाह आलाकमान कर रही है। बेशक वह फैसला जनता या कार्यकर्ताओं को रास आए या न आए। इस बात से बीजेपी आलाकमान को कुछ लेना-देना नहीं है। बाजारू तर्ज पर सत्ता को चलाने की आदी हो चुकी सिर्फ अपना मुनाफा देख रही है, जिस कारण से देश में लोकतंत्र खतरे में पड़ा हुआ है।