भाजपा मीडिया प्रभारी करन नंदा ने, कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह के बयान पर, पलटवार किया। उन्होंने विक्रमादित्य सिंह द्वारा, एक मंच से शिक्षकों के खिलाफ की गई ,बयानबाजी की जमकर निंदा की है। करण नंदा ने कहा कि, विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस की सरकार बनने पर, अध्यापकों को तबादले की धमकी दे रहे हैं, जो सरेआम, उनकी ओच्छी राजनीति ,और घटिया मानसिकता को दर्शा रही है। उन्होंने कहा कि, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभ्द्र सिंह के निधन के बाद, अब कांग्रेस अलग-थलग हो चुकी है और विक्रमादित्य सिंह ,संतुलन भी खोते जा हैं। उन्होंने कहा कि, विक्रमादित्य सिंह प्रदेश में ,सीएम बनने के ख्वाब देख, बहक चुके हैं। यानी वीरभद्र सिंह के निधन के बाद, कांग्रेस में कोई बड़ा नेता ,नहीं होने के कारण ,विक्रमादित्य सिंह खुद को, मुख्यमंत्री प्रत्याशी समझ रहे हैं।
उन्होंने विक्रमादित्य सिंह को, दो टूक शब्दों में जवाब देते हुए कहा कि, आपका ख्वाब ,सिर्फ ख्वाब ही रह जाएगा। प्रदेश में जयराम सरकार की लोकप्रियता, और कांग्रेस में गुटबाजी को देख, विक्रमादित्य सिंह बहकी-बहकी बातें कर रहे हैं।
करन नंदा ने कहा कि कांग्रेस की हालात ऐसी हैं कि स्वर्गीय , वीरभद्र सिंह के करीबी भी, विक्रमादित्य सिंह के परिवार से , अलग-थलग हो चुके हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष, मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, कुलदीप सिंह राठौर को विक्रमादित्य सिंह की, सुध लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि, विक्रमादित्य सिंह खुद को ,स्वतंत्र नेता और अपने को ,कांग्रेस का वारिस समझते हैं। करन नंदा ने कहा कि ,अपनी खिसकती राजनीतिक जमीन को ,संभालने के लिए, विक्रमादित्य सिंह अंट-शंट बोल रहे हैं।