नए वित्तीय वर्ष के पहले दिन ही सरकार ने प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका दिया है। एक अप्रैल से प्रदेश में बिजली दरों में 22 पैसे प्रति यूनिट से बढ़ोतरी की गई है।
वहीं इस वृद्धि पर भारतीय जनता पार्टी ने सरकार का विरोध करना शुरू कर दिया है। प्रदेश भाजपा महामंत्री एवं विधायक राकेश जम्वाल ने सुंदरनगर में कहा कि हिमाचल प्रदेश में विद्युत विभाग के रेगुलेटरी कमीशन की बैठक में घरेलू उपभोक्ताओं को 22 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।
पूर्व की भाजपा सरकार ने सीएम जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेशवासियों को 125 यूनिट फ्री बिजली की सुविधा प्रदान की थी। कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनावों में 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वायदा लोगों से किया था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने 300 मुफ्त बिजली देने के बजाए 125 यूनिट से अधिक खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 22 पैसे प्रति यूनिट महंगी बिजली कर दी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू ने प्रदेश के लोगों से झूठे वायदे कर सत्ता हासिल करने के परिणाम धीरे-धीरे आने शुरू हो गए हैं। राकेश जंवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बिजली की प्रति यूनिट दरों को बढ़ाने से लोगों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा।
बता दें कि प्रदेश में अब बिजली 22 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाई गई है। बिजली बोर्ड के प्रस्ताव पर राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरें बढ़ाने को मंजूरी दी है। बिजली की नई दरें एक अप्रैल से लागू होने जा रही हैं। इसमें घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट फ्री बिजली मिलती रहेगी और 125 यूनिट बिजली खर्च करने पर उपभोक्ताओं को कोई बिल नहीं आएगा। इससे ऊपर बिजली की खपत करने पर उपभोक्ताओं को अब नए दर के अनुसार प्रति यूनिट 22 पैसे अतिरिक्त चुकाने होगें।
पूर्व जयराम ठाकुर की सरकार ने 125 यूनिट तक लोगों को फ्री बिजली देने का फैसला लिया था। कांग्रेस ने 300 यूनिट बिजली फ्री देने की गारंटी अपने घोषणा पत्र में की थी, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है।