सरकार गठन के बाद अपनी पहली कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मे समान नागरिक संहिता के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन का फैसला किया।उत्तराखंड के बाद गुजरात दूसरा भाजपा शासित राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया है।
आसन्न विधानसभा चुनाव के बीच गुजरात की भाजपा सरकार ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तरह समान नागरिक संहिता का दांव चला है। गुजरात सरकार के मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड की तर्ज पर समान नागरिक संहिता के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया है।
सरकार की इस घोषणा को गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में वातावरण बनाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में समान नागरिक संहिता बनाने और उसे लागू करने की घोषणा की थी। सरकार गठन के बाद अपनी पहली कैबिनेट बैठक में उन्होंने समान नागरिक संहिता के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन का फैसला किया।
सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति अब सुझाव आमंत्रित कर रही है। समिति ने तीन लाख से अधिक सुझाव प्राप्त कर लिए हैं और इसके बाद वह इन सुझावों पर अपनी रिपोर्ट तैयार करने का काम करेगी।
उत्तराखंड के बाद गुजरात दूसरा भाजपा शासित राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया है। सियासी जानकारों का मानना है कि सत्तारूढ़ भाजपा उत्तराखंड की तरह गुजरात में भी समान नागरिक संहिता के दांव से चुनावी फायदा लेना चाहती है।