शिमला, 01 नवंबर : हिमाचल चुनावों में ओपीएस सबसे बड़ा मुद्दा है। कांग्रेस ने हिमाचल में पहली कैबिनेट में ही इसे लागू करने की घोषणा कर दी हैं। बीजेपी भी लगातार ओपीएस पर सवेदनशीलता से विचार करने की बात कर रही हैं तो प्रदेश में इसे बंद करने का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ रही हैं।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र चौधरी ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि ओपीएस कर्मचारियों से जुड़ा मुद्दा है। कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने इसे यहां खत्म किया। बीजेपी पहले के पापों को प्रायश्चित करने को तैयार हैं। ओपीएस पर संवेदनशीलता से फैसला होगा।
उन्होंने कहा कि बीजेपी का चुनाव विचार को लेकर होता हैं, जबकि कांग्रेस परिवारवाद ओर सत्ता में रहने के लिए चुनाव लड़ने वाली पार्टी हैं। जब ये सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो इधर-उधर भटक कर मंत्री बनने के लिए दल बदलते रहते हैं। जितेंद्र ने कहा कि हिमाचल में विकास के लिए फिर से डबल इंजन की सरकार की जरूरत हैं।
उन्होंने कहा की बीजेपी में कोई बगावत नहीं हैं। बीजेपी में एक प्रक्रिया के बाद टिकट दिया जाता हैं। यहां एक परिवार टिकट वितरण नहीं करता है। उन्होंने कहा कि देश हित के लिए अगले 25 साल भारत को विश्व पटल पर एक शक्ति बनाने के लिए पीएम मोदी के साथ बने रहना जरूरी है और हिमाचल को भी अपनी भूमिका निभानी है। इसलिए यहां भाजपा सरकार का चुना जाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने डेढ़ हजार ऐसे नियम कानून बदले हैं, जो जनहित में नहीं थे अथवा समय के साथ अनिवार्य नहीं थे। उन्होंने कहा कि इन बदलाव से लोगों को लाभ हुआ है।