फतेहपुर : भारतीय जनता पार्टी फतेहपुर चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है । पोस्टर वॉर शुरू हो गई है भाजपा फतेहपुर में आक्रामक रूप से कार्य कर रही है । और केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा की जयराम सरकार के विकास के नाम पर जनता के बीच आयी है । जहां भी सरकार के प्रतिनिधि न होने की वजह से विकास रुका पड़ा है उसे महज एक साल में गति दी जाएगी ये बात परिवहन एवं उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने फतेहपुर में चुनावी सभा के दौरान पत्रकारों से बात करते कही ।
उन्होंने कहा कि पार्टी को कमजोर करने के लिए जो आम लोगों के बीच भ्रांतियां बोई जा रही है कि भाजपा के पदाधिकारियों द्वारा विरोध में कार्य किया जा रहा बिल्कुल गलत है सभी एकजुटता से कार्य कर रहे है ।
कांग्रेस प्रत्याशी को अपने शीर्ष नेतृत्व पर भी विश्वास नहीं उन्होंने जो अपना पोस्टर जारी किया है उसमें स्वर्गीय वीरभद्र सिंह एवं स्वर्गीय सुजान सिंह पठानिया को ही ही स्थान दिया उनको केंद्रीय नेतृत्व के साथ साथ प्रदेश नेताओं पर भी कोई विश्वास नही है।कांग्रेस प्रत्याशी क्षेत्रवाद पर ही दाव खेल रही क्योंकि वो भी जानते हैं कि राष्ट्रीय और प्रादेशिक नेताओं में इतनी कुव्वत नही की वो उन्हें चुनाव जीता सके ।
कांग्रेस ने कभी भी मुददों पर बात नही की है क्षेत्रवाद,परिवारवाद के साथ साथ धड़ों में कार्य करती रही है ।प्रदेश में कांग्रेस के दो धड़े कार्य करते रहे हैं एक वीरभद्र कांग्रेस और एक कांग्रेस , वीरभद्र कांग्रेस हमेशा कांग्रेस पर भारी रही है यही वजह है और उनके हस्तक्षेप के बगैर कांग्रेस की जीत लगभग असंभव रही है ।इसलिय उनकी मृत्यु के बाद भी श्रधांजलि का नाम ले कर वोट मांगे जा रहे।
कांग्रेस के पास नेताओं की कमी के साथ ही मुद्दों की भी कमी है और वो जनभावनाओं के साथ खेल कर दोनों स्वर्गीय नेताओं के नाम पर बंदूक तान कर निशाना लगाने का प्रयास कर रहे हैं।
फतेहपुर में जो बाहरी और भीतरी का नारा दिया जा रहा है जनता खुद तय करे की जो उनके प्रत्याशी है जो आज तक बाहर रहे अपने पिता द्वारा बनाई सियासी जमीन पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं जबकि भाजपा प्रत्याशी एक साधारण परिवार से संबंध रखते एवं लंबे समय से उसी क्षेत्र में लोगों के बीच कार्य कर रहे हैं। उन्ही के प्रयासों का नतीजा है कि फतेहपुर में फसल खरीद केंद्र ने कार्य करना शुरू कर दिया है। उन्हें बाहरी बताना कांग्रेस का मानसिक दिवालियापन दर्शाता है । जबकि अपने प्रचार के लिए भी उनको बाहरी लोगों का सहारा लेना पड़ रहा है ये उन लोगों में से है जिनका अपना राजनीतिक कद कभी बन नही पाया और जो अपने शीर्ष नेतृत्व को पप्पू जैसे नाम से सम्बोधित करते रहे है जो वैश्विक स्तर पर उनकी पहचान बन गया है ऐसे लोग दूसरी विचारधारा और देवभूमि की जनता की भावनाओं का क्या आदर करेंगे