भाजपा को देखना पड़ेगा करारी हार का मुंह : प्रतिभा

राजनीति

भाजपा को देखना पड़ेगा करारी हार का मुंह : प्रतिभा

भाजपा को देखना पड़ेगा करारी हार का मुंह : प्रतिभा
हिमाचल के विकास में भाजपा का कोई योगदान नहीं रहा

शिमला : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि हिमाचल के विकास में भाजपा का न तो पहले कभी कोई योगदान रहा है और न ही वर्तमान समय में है। डबल इंजन का दावा करने वाली भाजपा पहले यह बताए कि उन्होंने पिछले पांच सालों में प्रदेश के विकास को क्या कोई आर्थिक पैकेज दिया। कांग्रेस अध्यक्ष ने रविवार को कुमारसैन में पार्टी प्रत्याशी कुलदीप सिंह राठौर, बल्ह विधानसभा क्षेत्र के कंसा चौक में प्रकाश चौधरी व नाचन विधानसभा क्षेत्र के महादेव में नरेश कुमार के पक्ष में चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में लोगों को महंगाई व बेरोजगारी ही मिली है। कांग्रेस ने अपने प्रतिज्ञा पत्र में लोगों को बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी से राहत देने के जो वादे किए हैं, कांग्रेस उसे हर हाल में पूरा करेगी। कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन बहाल करना, पांच लाख रोजगार, महिलाओं को हर माह 1500 रुपए की आर्थिक मदद, 300 यूनिट बिजली फ्री, बागवानों को अपनी उपज की कीमत तय करने का अधिकार व युवाओं के लिए 680 करोड़ की एक स्टार्टअप योजना शुरू की जाएगी।
प्रतिभा सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश को 70 हजार करोड़ के कर्ज में डुबो दिया है। केंद्र की मोदी सरकार ने प्रदेश को बदहाल आर्थिक स्थिति से उभारने के लिए कोई भी विशेष आर्थिक मदद नहीं दी। केंद्र की जनविरोधी नीतियों व निर्णयों ने आज देश को बहुत बड़े संकट में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि चार उपचुनावों में जनता ने इन नीतियों के खिलाफ पहले ही भाजपा के खिलाफ अपना कड़ा रोष व्यक्त कर दिया है, जहां उन्हें 4-0 से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इसी तरह अब विधानसभा चुनावों में भी भाजपा को करारी हार का मुंह देखना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम देश में राजनीति की दिशा व दशा तय करेंगे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वह कांग्रेस पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिये एकजुट होकर चुनाव मैदान में डट जाए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह अपने अपने क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशी को भारी मतों से विजयी बनाते हुए देश में कांग्रेस को मजबूत करने में अपना योगदान दें, ताकि भाजपा की तानाशाही सरकार को सत्ता से बाहर किया जा सके।