Blood Falls: कभी देखा है खून का बहता झरना! वैज्ञानिकों के भी रहस्य सुलझाने में छूटे पसीने

Antarctica Blood Falls Glacier: अंटार्कटिका महाद्वीप में कई ऐसी रहस्यमयी इलाके हैं जहां जोखिमों की भरमार है। यहां पूर्वी अंटार्कटिका में खून के झरने की खोज हुई थी जिसे हम ब्लड्स फॉल कहते हैं। ये ऐसा झरना है जो माइनस 17 डिग्री सेल्सियस के तापमान में भी जमता नहीं है। इसके रहस्य को वैज्ञानिक भी अभी तक सुलझा नहीं पाए हैं।

Antarctica Blood Falls Glacier
अंटार्कटिका महाद्वीप में कई ऐसी रहस्यमयी इलाके हैं जहां जोखिमों की भरमार है

नई दिल्ली: ये दुनिया रहस्यों से भरी हुई है। यहां कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें देखकर लोग हैरान हो जाते हैं। कई बार आंखों पर यकीन नहीं होता है। दुनिया में ऐसे कई रहस्य हैं जिनको सुलझाने के लिए वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं। कई बार वैज्ञानिक भी इन रहस्यों को सुलझा नहीं पाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां खून का झरना (Blood Falls) बहता हुआ दिखाई देता है। ये ऐसा झरना (Blood Falls ) है जो माइनस 17 डिग्री सेल्सियस के तापमान में भी जमता नहीं है। इसके रहस्य को वैज्ञानिक भी अभी तक सुलझा नहीं पाए हैं। आईए आपको बताते हैं इस झरने के बारे में।

देखकर नहीं होता यकीन
अंटार्कटिका महाद्वीप में कई ऐसी रहस्यमयी इलाके हैं जहां जोखिमों की भरमार है। यहां पूर्वी अंटार्कटिका में खून के झरने (Antarctica Blood Falls Glacier) की खोज हुई थी जिसे हम ब्लड्स फॉल (Blood Falls) कहते हैं। पूर्वी अंटार्कटिका के विक्टोरिया लैंड में वैज्ञानिकों ने एक जगह देखी जहां खून का झरना बहता हुआ दिखाई दिया है। इस ब्लड फॉल (Blood Falls) को साल 1911 में अमरीकी जीव विज्ञानी ग्रिफिथ टॉयलर ने खोजा था। ये झरना किसी पांच मंजिला इमारत जितना ऊंचा है।

इस वजह से लाल दिखता है पानी
इस झरने के लाल रंग के पीछे कई कारण दिए जाते हैं। सबसे पहली थ्योरी के अनुसार रिसर्चर का मानना था कि ग्लेशियर के नीचे बहने वाली झील बर्फ के रूप में बदल गई और ग्लेशियर में दरार पड़ने से पानी का फ्लो बाहर आने लगा। इसके साथ पानी में मौजूद आयरन ऑक्साइड हवा के संपर्क में आने के बाद लाल रंग का हो गया जिससे इसके पानी का रंग खून के जैसा दिखने लगा।

हैरान करने वाला खुलासा
वैज्ञानिकों को साल 1960 में पता चला कि गेल्श्यिर के नीचे लौह नमक (Iron Salts) मौजूद है। लौह नमक का मतलब फेरिक हाइड्रोक्साइड (Ferric Hydroxide)। साल 2009 में एक स्टडी से हैरान करने वाला खुलासा हुआ। इस ग्लेशियर के नीचे सूक्ष्मजीव होने की जानकारी मिली। इसके कारण ग्लेशियर से खून का झरना निकल रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस ग्लेशियर के नीचे 15 से 40 लाख साल से सूक्ष्मजीव रह रहे हैं। बहुत बड़े इकोसिस्टम का यह छोटा सा भाग है जिसे वैज्ञानिक खोज पाए हैं। वैज्ञानिकों को एक इलाके से दूसरे इलाके तक की खोज करने में दशकों लग जाएंगे। इस क्षेत्र में आना जाना और रहना बेहद कठिन है।