प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे है। सोलन में भी रोज़ कोरोना दस्तक दे रहा है। पिछले कल भी कोरोना के आठ मामले जिला सोलन में दर्ज किए गए हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए ,सोलन के व्यापारी फिर से खौफजदा हो गए हैं। उन्हें लॉक डाउन का डर भी सताने लगा है। व्यापारियों का मानना है कि प्रदेश सरकार कोरोना को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरफ से विफल हो रही है। कोरोना को नियंत्रित करने के लिए जो कार्रवाई सरकार द्वारा अमल में लाई जानी चाहिए थी। वह कार्रवाई धरातल पर दिखाई नहीं दे रही है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही सत्ता सुख पाने के लिए लालायित दिख रहे है। ऐसा लग रहा है कि आम जन से उन्हें कोई लेना देना नहीं है।
व्यापारियों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि , उन्हें कोरोना के कारण ,लाखों रूपये का नुक्सान उठाना पड़ा है। कई माह तक लॉक डाउन लगा रहा है जिसके चलते व्यवसायिक गतिविधियों बिलकुल ठप्प रही। अब बहुत ही मुश्किल से कोरोना नियंत्रित हुआ था। व्यावसायिक गतिविधियां फिर से पटरी पर आने लगी थी। लेकिन अब फिर से चुनाव सर पर आ गए है। चुनावों में कोरोना नियमों की अहवेलना धड्ड्ले से की जा रही है। भारी भीड़ राजनैतिक दल जुटा कर ,कोरोना को खुले आम निमंत्रण दिया जा रहा है। जिस से उन्हें डर है कि कोरोना इस कारण फिर से फ़ैल सकता है। अगर कोरोना फैलता है तो फिर से लॉक डाउन लगेगा और उन्हें फिर से घाटा उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि, पिछले लॉक डाउन से हुई हानि से वह बड़ी मुश्किल से निपटे है। लेकिन अगर अब लोक डाउन लगता है तो वह इस बार उभर नहीं पाएंगे। इस लिए रैलियों और चुनावी प्रचार पर रोक लगनी चाहिए।