टीबी का इलाज छह माह तक कम करेगी बीपीएएल खुराक, रोज 14 अलग-अलग दवाएं लेने से मिलेगी मुक्ति

द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया कि नई दवा 18 से 24 महीने की उपचार अवधि को लगभग छह महीने तक कम कर सकता है। इसके अलावा, पुराने ऑल ओरल ड्रग रेजिमेन में एक मरीज को रोजाना लगभग 14 अलग-अलग टीबी रोधी दवाएं लेनी पड़ती थीं, लेकिन अब यह संख्या तीन तक सीमित रहेगी।

प्रतीकात्मक तस्वीर।

टीबी (क्षय रोग) के इलाज की अवधि अब छह माह तक कम हो सकती है। शोधकर्ताओं ने प्रीटोमेनिड सहित तीन दवा पर चिकित्सीय अध्ययन किया है, जिसमें दवा का असर 90 फीसदी से भी अधिक मिला है। प्रीटोमेनिड, बेडाक्विलाइन और लाइनजोलिड दवा के साथ दिया जा सकता है। इस मिश्रण को बीपीएएल नाम से जाना जाता है।

द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया कि नई दवा 18 से 24 महीने की उपचार अवधि को लगभग छह महीने तक कम कर सकता है। इसके अलावा, पुराने ऑल ओरल ड्रग रेजिमेन में एक मरीज को रोजाना लगभग 14 अलग-अलग टीबी रोधी दवाएं लेनी पड़ती थीं, लेकिन अब यह संख्या तीन तक सीमित रहेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के टीबी नियंत्रण शाखा से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि दवा के सफल परिणामों के बारे में जानकारी है, लेकिन भारत में इसे अनुमति देने से पहले स्वदेशी अध्ययन की शर्त पूरी करनी होगी।