मुंगेर. कहते हैं जब हौसले बुलंद हों, तो कामयाबी मिलते देर नहीं लगती है. ऐसे में जब सफलता कदम चूमती है, तो यह दूसरों के लिए नजीर बन जाती है. हम मुंगेर की दीक्षा की बात कर रहे हैं, जिन्होंने बिहार न्यायिक सेवा में अत्यंत पिछड़ा वर्ग से 12वीं और सामान्य वर्ग में 272वीं रैंक हासिल की है.
दीक्षा ने पहले प्रयास में ही यह सफलता हासिल की है. उन्होंने वर्ष 2015 में जमालपुर के नोट्रेडेम एकेडमी से 12वीं करने के बाद चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी पटना से वकालत की पढ़ाई की. 2020 में 31वीं बिहार न्यायिक सेवा की वैकेंसी निकली थीं. इसमें फॉर्म भरने के बाद उन्होंने जमकर पढ़ाई की और लिखित परीक्षा पास कर ली. वहीं, 2021 के जुलाई महीने में मेन्स परीक्षा आयोजित हुई थी, जिसका फाइनल रिजल्ट मंगलवार को आया है.
माता-पिता की प्रेरणा ने दिलाई सफलता
दीक्षा मुंगेर के जमालपुर के दौलतपुर निवासी रिटायर्ड शिक्षक दिगंबर कुमार उर्फ रोहित की बेटी हैं. जबकि मां का नाम सीमा मंडल है. दीक्षा ने बताया कि उसकी इस सफलता में माता-पिता, बहन, दोस्त और शिक्षक का योगदान रहा है. साथ ही बताया है कि माता-पिता दोनों ने ही वकालत की पढ़ाई की थी, इसलिए वकालत पढ़ने की इच्छा थी.
दीक्षा ने दूसरे छात्रों को दिया संदेश
दीक्षा ने कहा कि वह लड़की हैं, लेकिन उन्हें कभी किसी तरह का बंधन रहा. कहीं अच्छे काम के लिए बाहर जा रही हूं तो समाज क्या कहेगा, ये सब सोचने की जरूरत नहीं है. दीक्षा ने सभी छात्रों को संदेश देते हुए कहा कि बस मन लगाकर पढ़ते रहें. समाज में कौन क्या कह रहा है, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.
दीक्षा की दो बहनें कर रहीं इंजीनियरिंग की पढ़ाई