Brain Dead Woman Organ Donation: इंदौर की 52 वर्षीय विनीता खजांची को डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद परिवार ने अंगदान का फैसला किया। उनके सात अंग दान किए हैं। पहली बार हाथों का अंगदान हुआ था।
अधिकारियों ने बताया कि शोक में डूबे होने के बावजूद खजांची के परिजन एक अच्छी पहल की है। उनकी अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उनके मरणोपरांत अंगदान के लिए खुद आगे आए। इसके बाद शल्य चिकित्सकों ने 52 वर्षीय महिला के मृत शरीर से उनके दोनों हाथ, दोनों फेफड़े, लिवर और किडनी एकत्र कर लिए। इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन के सचिव डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि यह राज्य के इतिहास में पहली बार है, जब दिमागी रूप से मृत किसी व्यक्ति के हाथों का अंगदान किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह घटना अंगदान के क्षेत्र में एक क्रांति की तरह है। दीक्षित, शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के डीन भी हैं। उन्होंने बताया कि खजांची के मरणोपरांत अंगदान से मिले दोनों हाथों को विशेष उड़ान से मुंबई भेजा गया। दीक्षित ने बताया कि मुंबई के एक निजी अस्पताल में प्रत्यारोपण के जरिये इन हाथों को 18 वर्षीय युवती के शरीर में लगाया जाएगा।
दीक्षित ने कहा कि मुझे बताया गया है कि जन्म से ही इस युवती के दोनों हाथ नहीं हैं। अंगदान से मिले हाथों की प्रत्यारोपण सर्जरी से उसे नयी जिंदगी मिलने की उम्मीद है। खजांची की दो बेटियां हैं और उनके पति सुनील खजांची ट्रांसपोर्ट कारोबार चलाते हैं।
उनकी बड़ी बेटी निरीहा ने कहा कि मेरी मां के दिल में लड़कियों के लिए हमेशा से प्रेम और हमदर्दी का खास स्थान रहा है। यह संयोग है कि मरणोपरांत अंगदान के बाद उनके दोनों हाथ 18 साल की लड़की के शरीर में लगने जा रहे हैं।
वहीं, अंगदान को बढ़ावा देने वाली गैर सरकारी संस्था ‘मुस्कान ग्रुप’ के स्वयंसेवक संदीपन आर्य ने बताया कि खजांची के मरणोपरांत अंगदान से मिले दोनों फेफड़े विशेष उड़ान से चेन्नई भेजे गए। ये अंग वहां के एक निजी अस्पताल में जरूरतमंद मरीजों के शरीर में प्रत्यारोपित किए जाएंगे। आर्य ने बताया कि इस अंगदान से हासिल यकृत और दो किडनी इंदौर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती मरीजों के शरीर का हिस्सा बनकर उन्हें नयी जिंदगी देंगे।
उन्होंने बताया कि मस्तिष्क संबंधी गंभीर समस्या के चलते दम तोड़ने वाली महिला की त्वचा और आंखें भी दान की गई हैं। गौरतलब है कि यह परिवार लगातार अंगदान के लिए लोगों को प्रेरित करता रहा है। जून 2022 में विनीता के ससुर के आंख और त्वचा का दान हुआ था। उसके दो वर्ष पूर्व उनके बड़े भाभी शिरोमणि खजांची के बॉम्बे हॉस्पिटल से ही अंगदान हुए थे। करीब 20 दिन पूर्व ही मौसा ससुर संतोषी लाल जैन के आंख और त्वचा का दान किया गया।