Bread prices increased, the poor snatched breakfast

ब्रेड के बढ़े दामों ने ,गरीब का छीना नाश्ता

लगातार महंगाई, आसमान छू रही है। किसी भी  वर्ग को ,राहत मिलती नज़र नहीं आ रही है।  जिसके चलते ,आम जन बेहद दुखी , और चिंतित है।  गरीब की भूख मिटाने वाली ,सबसे सस्ती चीज़ ,ब्रेड थी ,उसके दाम भी अब, आसमान छूने लगे है। जिसके चलते ,मध्यम वर्गीय लोगों पर ,ख़ासा असर हुआ है। ख़ास तौर पर ,वह नागरिक जो नौकरी या  शिक्षा  लेने के लिए, घर से बाहर आए थे ,जो मजबूरी या जल्दबाजी में नाश्ते में, बड़े चाव से  ब्रेड खाना पसंद करते थे। उनका मुँह का स्वाद, अब ब्रेड की बढ़ी  कीमतों ने, खराब कर दिया है।  वह सभी सरकार से ,अनुरोध कर रहे हैं कि ,बढ़ती कीमतों पर कुछ अंकुश लगाएं।  
         सोलन में अन्य जिलों से ,पढ़ने आए छात्रों, और नौकरी पेशा कर रहे, नागरिकों ने ,ब्रेड की बढ़ती कीमतों पर रोष जताया और कहा कि, जो ब्रेड वह पहले 20 रूपये में ,खरीदते थे वह मूल्य बढ़ कर अब, 40 रूपये पहुंच चुका है।  जिसके चलते ,उन्हें ब्रेड खरीदने में भी, काफी परेशानी आ रही है।  उनका बजट लगातार बिगड़ रहा है। उन्होंने  बताया कि, वह नाश्ते में दूध के साथ , ब्रेड खाना पसंद करते थे। दूध के दाम पहले  ही बढ़ाए गए थे , अब ब्रेड के दाम भी बढ़ चुके हैं। जिसके चलते, केवल नाश्ते का खर्चा ही ,करीबन 3000 तक पहुँच चुका है। ब्रेड के दाम बढ़ने से ऐसा लग रहा है कि, सरकार ने उनका नाश्ता ही उन से छीन लिया है।  इस लिए वह सरकार से ,आग्रह करते हैं कि ,वह महंगाई को कुछ कम करें, और आम आदमी को कुछ राहत प्रदान करें।