शिमला/नई दिल्ली : भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने हिमाचल प्रदेश में चुनाव का बिगुल बजा दिया है। आयोग ने कहा कि चुनाव कार्यक्रम को जारी करने से पहले कोविड को लेकर भी आवश्यक जानकारी जुटाई गई है। ये जानकारी मिली है कि मौजूदा में कोविड के हालात चिंताजनक नहीं हैं।
भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदान की तारीख तक नए मतदाताओं को वोटरलिस्ट में शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारियों को ये निर्देश दिए गए हैं कि हरेक विधानसभा क्षेत्र में ऐसे पोलिंग बूथ को चिन्हित करें, जहां मतदान की प्रतिशतता सबसे कम रही हो, ताकि इसे इस बार बढ़ाया जा सके।
चुनाव आयोग ने ये भी फैसला लिया है कि चुनावी राज्यों में बैंकों की कैश वैन की मूमेंट का समय निर्धारित किया जाएगा। इसके मुताबिक शाम 5 बजे से सुबह 10 बजे तक कैश वैन मूव नहीं करेगी, क्योंकि उसी वैन का इस्तेमाल राजनीतिक दलों द्वारा कैश को ले जाने में किया जा सकता है।
आयोग ने बताया कि हिमाचल विधानसभा (Himachal Assembly) की अवधि 8 जनवरी 2023 को पूरी हो रही है।
हिमाचल में चुनाव की अधिसूचना (Notification of Himachal Election) 17 अक्तूबर को जारी होगी। नामांकन वापिस लेने की अंतिम तिथि 25 अक्तूबर तय की गई है। नामांकन पत्रों की छंटनी 27 अक्तूबर को होगी। मतदान 12 नवंबर 2022 को होगा। 8 दिसंबर 2022 को मतगणना होगी। चुनाव प्रक्रिया 10 दिसंबर 2022 को पूरी होगी।
बता दें कि हिमाचल की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को पूरा हो रहा है। अहम बात ये है कि इस बार भारतीय निर्वाचन आयोग ने हिमाचल व गुजरात के चुनाव एक साथ घोषित नहीं किए गए हैं।
भारतीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Chief Election Commissioner of India) ने कहा कि अक्तूबर का महीना त्यौहार का रहता है। आयोग द्वारा भी लोकतंत्र के उत्सव का ऐलान किया गया है। आयोग ने मतदाताओं से लोकतंत्र के उत्सव में बढ़चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया है।
रोचक बात ये है कि भारतीय चुनाव आयोग ने प्रदेश में चुनावी कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है। लेकिन भाजपा व कांग्रेस ने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है, केवल आम आदमी पार्टी ने चार विधानसभा क्षेत्रों में ही प्रत्याशियों का ऐलान किया हुआ है।
हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्तूबर महीने में हिमाचल के दो प्रवास कर चुके हैं। 24 सितंबर को मंडी जनसभा को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया था, क्योंकि मौसम खराब होने की वजह से वो मंडी नहीं पहुंच पाए थे। इसके बाद लगातार हिमाचल का दौरा कर रहे हैं। इसके विपरीत कांग्रेस ने ‘मिशन हिमाचल’ के अंतर्गत 14 अक्तूबर को ही शंखनाद करने का निर्णय लिया था।
दोपहर सवा 2 बजे तक सोलन में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की रैली जारी रही। चुनाव आचार संहिता के लागू होने से कुछ देर पहले ही प्रियंका गांधी ने जनसभा को संबोधित किया।
आपको बता दें कि चुनाव आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू होने के बाद रैलियों का खर्च पार्टी के खाते में जुड़ता है। प्रत्याशियों की अधिकतम खर्चे की सीमा में राष्ट्रीय नेताओं की रैली का खर्च जोड़ा जाता है। इसी कारण राजनीतिक दल आचार संहिता लागू होने से पहले धड़ाधड़ रैलियां करने की कोशिश भी करते हैं।
खास बात ये भी है कि हिमाचल सरकार को आज दोपहर बाद चुनाव आचार संहिता लागू होने का आभास रहा होगा, यही कारण था कि सुबह ही जयराम सरकार ने मौजूदा सरकार की अंतिम कैबिनेट बैठक को बुला लिया था। इसमें कई बड़े निर्णय लिए गए।
2017….
2017 में 13 अक्तूबर को चुनाव की घोषणा हुई थी। इस बार 14 अक्तूबर को चुनाव आचार संहिता लागू हुई है। मतदान 9 नवंबर को हुआ था, जबकि मतगणना 18 दिसंबर को की गई थी।
दरअसल, हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि 13-14 अक्तूबर के बाद चुनाव आचार संहिता लागू होने की स्थिति में मतदान के दौरान बड़ी चुनौतियां सामने आ सकती हैं, क्योंकि पहाड़ी प्रदेश के कई हिस्से बर्फ से ढक जाते हैं।