Breast Cancer: क्या आपको पता है कि हमारे देश में हर साल 1.8 लाख महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो रही हैं? ब्रेस्ट कैंसर से जान गंवाने वाली महिलाओं का सालाना आंकड़ा 75 हजार को पार गया है? यह भयावय स्थिति सिर्फ इसलिए पैदा हुई, क्योंकि ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में आने वाली महिलाएं समय पर अपनी इस जानलेवा बीमारी को पहचान नहीं कर सकीं. जब तक उन्हें पता चला, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. यदि इन महिलाओं को सही समय पर अपने ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता चल गया होता, तो शायद आज वह सही इलाज की मदद से अपने घर-परिवार के बीच में होतीं.
ऐसी स्थिति दूसरी महिलाओं के साथ पैदा न हो, इसके लिए इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल ने पेंटिग्स के जरिए महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूक करने की अनूठी पहल शुरू की है. पहल के तहत, ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों को दर्शाने वाली 8 पेंटिग्स तैयार की हैं. ये सभी पेंटिग्स केरल की प्राचीन भित्त कला पर आधारित हैं. हर पेंटिग ब्रेस्ट कैंसर के एक लक्षण को न केवल दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि उस लक्षण को कैसे पहचाना जाए. पेंटिग्स में बताए गए तरीकों से महिलाएं अब बेहद आसानी से घर में ही पता कर सकेंगी कि कहीं वह ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में तो नहीं आ रही हैं.
समय पर ब्रेस्ट कैंसर की पहचान बचाव का इकलौता तरीका इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रमेश सरीन के अनुसार, अब तक की बात करें तो करीब 70 लाख से अधिक महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में आ चुकी हैं. आज की तारीख में करीब 20 लाख महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीडि़त है, जिनमें 1.8 लाख मामले भारत से हैं. यहां राहत देने वाली बात यह है कि ब्रेस्ट कैंसर से मृत्यु के मामलों में पहले की अपेक्षा अब कमी आई हैं. यह संभव हुआ है समय पर बीमारी की पहचान और इलाज के बेहतर साधनों से. यदि किसी महिला को स्वपरीक्षण के जरिए समय पर ब्रेस्ट कैंसर का पता चल जाता है तो उसका पूरी तरह से इलाज संभव है.
एक दिन में पूरा हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर का इलाज इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. प्रवीण गर्ग के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर जितनी जल्दी पकड़ में आए, उतना अच्छा होता है. हमारे पास फर्स्ट स्टेज से लेकर फोर्थ स्टेज तक के लोग आते हैं. जो फर्स्ट स्टेज के मरीज होते हैं, उनका ट्रीटमेंट बहुत आसान होता है. एक दिन में ट्रीटमेंट पूरा हो जाता है और खर्च भी बहुत कम आता है. यह तभी संभव है, जब हमलोग स्क्रीनिंग प्रोगाम करें, ब्रेस्ट कैंसर को जल्दी पकड़े, जागरुकता रखें. ब्रेस्ट में कोई गांठ है, तो तुरंत डॉक्टर को रिपोर्ट करें. ऐसे बहुत सारे मरीज हैं, जिनका कैंसर पहले चरण में इलाज हुआ, आज वह सब ठीक कर रहे हैं. लेकिन, कैंसर के जो मामले चौथे चरण में डिटेक्ट होते हैं, उसके नतीजे बहुत अच्छे नहीं रहते हैं.
ब्रेस्ट कैंसर के इन आठ चरणों को बताती हैं पेंटिंग्स
हाथ उठाकर ब्रेस्ट और अंडरआर्म के परीक्षण का तरीका.
नहाते, लेटते और शीशे के सामने खड़े होने के दौरान उंगलियों से ब्रेस्ट की जांच का तरीका.
अपनी उंगलियों को ऊपर और नीचे घुमाकर स्तन में गांठ और सूजन की जांच का तरीका.
अपनी उंगलियों को गोलाकार गति में घुमाकर स्तन में गांठ, सूजन और मोटाई की जांच का तरीका.
अपनी उंगलियों को वेजेस में घुमाकर स्तन में गांठ, सूजन और मोटाई की जांच का तरीका.
अपनी उंगलियों के फ्लैट के साथ, स्तन या अंडरआर्म क्षेत्र में किसी भी गांठ की जांच करने का तरीका.
त्वचा के रंग, बनावट या डिंपलिंग में बदलाव देखने का तरीका.
निप्पल विरूपण, पीछे हटना, और द्रव निर्वहन होने पर ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों को पहचानने का तरीका.