Britannia Industries: ब्रिटानिया अफ्रीका में अपना कारोबार बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। इसकी वजह है कि अफ्रीका में सरकारें अपने उद्योगों का विस्तार करना चाहती हैं और उन उत्पादों के आयात को कम करना चाहती हैं, जिन्हें स्थानीय रूप से बनाया जा सकता है। ब्रिटानिया ने हाल ही में रजनीत कोहली को कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) नियुक्त किया है।
नई दिल्ली: बिस्किट हो या टोस्ट, ब्रेड हो या केक…ब्रिटानिया (Britannia) नाम को कौन नहीं जानता। भारत के लगभग ज्यादातर घरों में ब्रिटानिया का कोई न कोई प्रॉडक्ट आपको मिल ही जाएगा। ब्रिटानिया (
Britannia Industries) भारत की पहली बिस्किट कंपनी है। शुरुआत से अब तक कंपनी ने बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखे, यहां तक कि कॉरपोरेट वॉर भी झेले। हम सभी ने बचपन से लेकर अभी तक ब्रिटानिया के खूब बिस्किट खाएं हैं। बच्चों को ब्रिटानिया के बिस्किट काफी पसंद आते हैं। अब देश के लोगों के अलावा विदेशों में भी लोग ब्रिटानिया के बिस्किट का लुत्फ उठाएंगे। अब जल्द ही केन्या के लोगों को ब्रिटानिया के बिस्किट खाने को मिलेंगे। आप सोच रहे होंगे ऐसा कैसे होगा। चलिए आपको बताते हैं पूरी बात।
Britannia ने केन्या की Britania Foods को खरीदा
भारत की सबसे बड़ी कुकी निर्माता कंपनी ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Britannia Industries) ने अफ्रीका में विस्तार करने की पूरी तैयारी कर ली है। अपनी इस योजना के तहत ब्रिटानिया ने केन्या में ऑपरेशन के लिए एक डील की है। ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज (Britannia Industries) ने केन्या की केनाफ्रिक बिस्कुट लिमिटेड में नियंत्रक हिस्सेदारी हासिल कर ली है। ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजार को भेजी सूचना में यह जानकारी दी है। इस कदम से कंपनी को एक विनिर्माण आधार स्थापित करने और अफ्रीकी बाजारों में बिक्री का विस्तार करने में मदद मिलेगी। नियामकीय सूचना के अनुसार, कंपनी ने पूर्ण स्वामित्व वाली ब्रिटानिया एंड एसोसिएट्स (दुबई) प्राइवेट कंपनी लिमिटेड (बीएडीसीओ) ने केनाफ्रिक बिस्कुट लिमिटेड (केबीएल) में 51 प्रतिशत की नियंत्रक हिस्सेदारी हासिल कर ली है। ब्रिटानिया ने 13.87 करोड़ केन्याई शिलिंग्स (केईएस) यानी 9.2 करोड़ रुपये में यह अधिग्रहण किया है।