लिज ट्रस के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के एलान ने सबको चौंका दिया। हालांकि ब्रेग्जिट के फैसले के बाद से ही ब्रिटेन जैसे उथल-पुथल के अंतहीन दौर से गुजर रहा है। लेकिन इसके बावजूद 45 दिनों का लिज ट्रस का कार्यकाल एक के बाद एक ऐसे झटके देते हुए गुजरा कि अब तक की उथल-पुथल कम लगने लगी। और फिर जिस तरह से उनके इस कार्यकाल का अंत हुआ वह न केवल ब्रिटेन के लिए बल्कि दुनिया भर की सरकारों के लिए एक बड़ा सबक देता गया कि विचारधारा की प्रतिबद्धता के साथ अगर व्यावहारिकता और समझदारी का साथ न हो तो नतीजा घातक हो सकता है। इसमें दो राय नहीं कि लिज ट्रस टैक्स कटौती का वादा करते हुए प्रधानमंत्री पद पर आई थीं, उन्होंने पदासीन होने के बाद इस वादे को पूरा करने की कोशिश भी की, लेकिन यह नहीं देखा कि वह और उनकी सरकार इस वादे को पूरा करने की स्थिति में हैं या नहीं। टैक्स में की जा रही भारी कटौती की भरपाई सुनिश्चित किए बगैर लाए गए उनकी सरकार के ‘मिनी बजट’ का परिणाम उस कोहराम के रूप में सामने आया, जिसमें न केवल ब्रिटेन के शेयर बाजार धराशायी होते दिखे बल्कि वित्त मंत्री को भी अपने पद से हाथ धोना पड़ा। गलती का अहसास होने के बाद लिज ट्रस ने न केवल माफी मांगी बल्कि अपने सारे विवादित फैसले वापस ले लिए। मगर इसके बावजूद तूफान नहीं थमा। पहले उनकी गृहमंत्री ने इस्तीफा दिया और फिर उन्हें भी पद छोड़ने का एलान करना पड़ा।
2022-10-23