BSP News: मायावती के अपने गांव में ही बसपा का बुरा हाल, नए सदस्य जोड़ने का अभियान हुआ फ्लॉप, जिलाध्यक्ष नपे

Gautam Budha Nagar News: बसपा ने जिलाध्यक्ष लख्मी सिंह काे एक लाख नए सदस्य जोड़ने का लक्ष्य दिया था। कई महीनों के अभियान के बाद लक्ष्य का आधा भी पूरा नहीं हुआ।

ग्रेटर नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में गुटबाजी ने जिला बसपा का खेल बिगाड़ दिया है। नए सदस्य बने नहीं और पुराने कई नेता पार्टी को अलविदा कह गए। इसके बाद पार्टी ने बड़ा फैसला लेते हुए गुरुवार को बसपा के जिलाध्यक्ष लख्मी सिंह को हटाकर उनकी जगह दीपक बौद्ध को नई जिम्मेदारी सौंपी है। बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के गृह जनपद में पार्टी से नए सदस्यों को जोड़ने में नाकाम रहने और गुटबाजी हावी होने के कारण लख्मी सिंह को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। अब दीपक के सामने बड़ी चुनौती पार्टी के पुराने लोगों को साथ लाकर नए सदस्यों को जोड़ना होगा।

गौरतलब है कि जुलाई में चले अभियान में पार्टी ने जिलाध्यक्ष लख्मी सिंह को पार्टी से एक लाख नए सदस्य जोड़ने का लक्ष्य दिया था। इस दौरान नए सदस्य जहां लक्ष्य का आधा भी नहीं बन सके। वहीं, कई बड़े नेता पार्टी को छोड़कर चले गए। पूर्व सीएम के खुद के गांव बादलपुर में भी नए सदस्य जोड़ने में बसपा फेल रही। बताया गया कि पार्टी के भीतर गुटबाजी के कारण अभियान की दशा खराब रही। गृह जनपद होने के नाते बसपा सुप्रीमो को पार्टी की हर छोटी-बड़ी गतिविधि के साथ नेताओं की सक्रियता की रिपोर्ट मिलती रही। बसपा जिलाध्यक्ष लख्मी सिंह की कार्यप्रणाली को लेकर तमाम शिकायतें पार्टी मुखिया तक पहुंती रही। इसके बाद बसपा महानगर अध्यक्ष पद से विनोद भारद्वाज को हटाने के बाद पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ गया।

वहीं, गुटबाजी के चलते जिला पंचायत के पूर्व चेयरमैन जयवंती नागर के पति गजराज नागर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामशरण नागर, दादरी विधानसभा से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके इंद्रवीर भाटी, संजीव त्यागी, कर्मवीर नागर सहित कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। इसके साथ ही बसपा के मजबूत स्तंभों में शुमार पूर्व विधायक सतवीर गुर्जर को निष्कासित कर दिया गया। उनको पार्टी से निकालने के पीछे पार्टी मुखिया को भेजी गई गलत रिपोर्ट बताई गई। वहीं, नरेंद्र भाटी डाढ़ा के साथ उनके बड़े भाई व पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन वीरेंद्र सिंह डाढ़ा को भी निष्कासन पत्र थमाने के बाद संगठन में गुटबाजी चरम पर पहुंच गई और जिलाध्यक्ष को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा। ऐसे में अब दीपक बौद्ध को जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है।

पैदाइशी बसपाई हूं : दीपक बौद्ध
बसपा सुप्रीमो मायावती के गृह जनपद में जिलाध्यक्ष की कुर्सी संभालने वाले दीपक बौद्ध पुराने कैडर में शुमार रहे हैं। बसपा से सामान्य कार्यकर्ता के रूप में जुड़े दीपक जेवर विधानसभा क्षेत्र के मुतैना गांव के रहने वाले हैं। पार्टी में उनके समर्पण को देखकर मेरठ मंडल का जोनल इंचार्ज बनाने के साथ गौतमबुद्ध नगर का प्रभारी भी बनाया गया था। जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद शुक्रवार को लखनऊ रवाना हुए दीपक ने कहा कि बसपा से पद के लिए नहीं जुड़ा हूं। कांशीराम के जिस अधूरे मिशन को बहनजी पूरा कर रही हैं, उसके लिए संघर्ष जारी रहेगा। पैदाइशी बसपाई हूं,अंतिम सांस तक रहूंगा। पद व सत्ता के लिए दल व दिल बदलने वालों में मैं नहीं हूं।