Budhwa Mangal 2023 Date: बुढवा मंगल कब है, जानें बुढवा मंगल का क्यों है खास महत्व

Budhwa Mangal Kab Hai: बुढ़वा मंगल का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि बुढ़वा मंगल के दिन हनुमानजी की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की मनोकामना जल्दी पूरी होती है। तो आइए जानते हैं कब है बुढ़वा मंगल। क्या है इसकी मान्यता और इतिहास।

Bhudwa mangalwar 2023
Budhwa Mangal 2023: बुढ़वा मंगलवार हर साल ज्येष्ठ मास में मनाया जाता है। बुढ़वा मंगल के दिन हनुमानजी के वृद्धि स्वरुप की पूजा की जाती है। इसलिए इसे बुढ़वा मंगल कहा जाता है। इसे बड़ा मंगलवार के नाम से भी जाना जाता है। ज्येष्ठ माह का पहला बुढ़वा मंगल इस बार 9 मई 2023 को है। बता दें कि ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन हनुमानजी की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति पर उनकी कृपा जल्दी होती है। आइए जानते हैं बुढ़वा मंगल से जुड़ी खास बातें।
बुढ़वा मंगल का इतिहास
बुढ़वा मंगल का इतिहास महाभारत और रामायण से जुड़ा हुआ है। बुढ़वा मंगल को लेकर मान्यता है कि एक बार भीम को अपनी शक्तियों पर बहुत घमंड हो गया था। तभी वहां हनुमानजी बूढ़े वानर का रूप लेकर आ गए और भीम को सबक सिखाया उन्होंने भीम को परास्त कर दिया। तभी से इस दिन को बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है।

रामायण काल से बुढ़वा मंगल का क्या है इतिहास
बुढ़वा मंगल को लेकर रामायण काल से जुड़ी भी एक कहानी है। जिसके अनुसार, जब हनुमानजी माता सीता को खोजते हुए जब लंका पहुंचे तो वहां रावण ने उन्हें वानर बोलकर उनका मजाक उड़ाया। तब हनुमान जी ने लंका को अपनी पूंछ से जला दिया और रावण का घमंड चकनाचूर कर दिया।

बुढ़वा मंगल के दिन जरूर करें ये काम
बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें। इसके अलावा बजरंग बाण का पाठ करना और सुंदरकांड का पाठ करने से भक्तों को हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है।