राज्यसभा चुनावों में बिजनेसमैन सुभाष चंद्रा ने भी नामांकन भर दिया। मंगलवार सुबह BJP प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने पहले BJP का ही प्रत्याशी होने की जानकारी दी। हालांकि, राजेंद्र राठौड़ ने मीडिया को चंद्रा के BJP समर्थक के तौर पर उम्मीदवार पर मैदान में उतरने की बात कही।
चंद्रा ने सुबह BJP समर्थक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरा। विधानसभा की ना पक्ष लॉबी में सुभाष चंद्रा ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मुलाकात की है।इसके अलावा चंद्रा ने बीजेपी के कई विधायकों से भी मुलाकात की है। सुभाष चंद्रा सोमवार देर रात ही जयपुर पहुंच गए थे। जहां उन्होंने बीजेपी नेताओं से मुलाकात करके आगे की रणनीति बनाई। एयरपोर्ट पर जब उनसे राज्यसभा चुनाव का नामांकन भरने के बारे में पूछा गया तो सवाल टाल दिया। कहा- कल बात करेंगे।
सुभाष चंद्रा हरियाणा से निर्दलीय राज्यसभा सांसद हैं, अब उनका टर्म पूरा हो रहा है। हरियाणा में नंबर गेम इस बार पक्ष में नहीं होने के कारण सुभाष चंद्रा ने राजस्थान से BJP से राज्यसभा चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है मौजूदा संख्या बल के हिसाब से BJP एक सीट पर जीत रही है। दूसरी सीट के लिए उसे 11 वोट चाहिए। BJP ने घनश्याम तिवाड़ी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। सुभाष चंद्रा भी मैदान में है, वे कांग्रेस-निर्दलीय विधायकों में तोड़फोड़ करके ही जीत सकते हैं, सीधे तौर पर समीकरण पक्ष में नहीं है।
BJP समर्थक दूसरे उम्मीदवार को जीत के लिए 11 विधायक और चाहिए
BJP के 71 विधायक हैं। एक सीट जीतने के लिए 41 विधायकों के वोट चाहिए। दो उम्मीदवारों के लिए 82 वोट चाहिए। BJP समर्थक दूसरे उम्मीदवार को जीतने के लिए 11 वोट कम पड़ रहे हैं। अगर हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के 3 विधायकों का सपोर्ट BJP को मिलता है तो कुल संख्या 74 हो जाती है। फिर दूसरे उम्मीदवार के लिए 8 वोटों की कमी रहती है। कांग्रेसी खेमे में सेंध लगाकर आठ वोट का प्रबंध करने पर ही BJP समर्थक दूसरा उम्मीदवार जीत सकता है।
कांग्रेस के रणनीतिकार कांग्रेस के 108, 13 निर्दलीय, एक आरएलडी, दो सीपीएम और दो बीटीपी विधायकों को मिलाकर 126 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। इसलिए मुकाबला बहुत रोचक है। कांग्रेसी खेमे से BJP कुछ निर्दलीयों और नाराज कांग्रेस विधायकों में सेंध लगाने के प्रयास में है।
हरियाणा के इंक चेंज कांड की याद फिर ताजा
सुभाष चंद्रा के राजस्थान से राज्यसभा के उम्मीदवार बनने से एक बार फिर हरियाणा के पेन चेंज कांड की यादें ताजा हो गई हैं। 2016 में हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में BJP ने निर्दलीय के तौर पर सुभाष चंद्रा को बाहर से समर्थन किया था।
कांग्रेस और इनेलो ने सुप्रीम कोर्ट के वकील आरके आनंद को उम्मीदवार बनाया था। संख्या बल सुभाष चंद्रा के पक्ष में नहीं था, लेकिन 14 कांग्रेस विधायकों के वोट गलत पेन यूज करने की वजह से रद्द हो गए थे।
दरअसल, राज्यसभा चुनावों में वोटिंग बैंगनी स्याही के पेन से होती है। वोटिंग के दौरान रणनीतिक रूप से किसी ने बैंगनी स्याही की जगह ब्ल्यू स्याही वाला पेन रख दिया। 14 कांग्रेस विधायकों ने गलत स्याही से वोट किया, जिसके बाद उनके वोट रद्द हो गए। इससे कम वोट होते हुए भी सुभाष चंद्रा जीत गए और कांग्रेस उम्मीदवार हार गया। इस पर भारी विवाद हुआ था।
आरके आनंद ने धांधली का आराेप लगाते हुए कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर अभी भी केस चल रहा है। राजस्थान में संख्या बल सुभाष चंद्रा और BJP के पक्ष में नहीं है, लेकिन राजनीतिक हलकों में राजस्थान में हरियाणा का छह साल पुराना किस्सा दोहराने को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
राजे, कटारिया, राठौड़ बने तिवाड़ी के प्रस्तावक
घनश्याम तिवाड़ी ने बीजेपी और सुभाष चंद्रा ने बीजेपी समर्थक निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल किया। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया तिवाड़ी के प्रस्तावक बने। उधर, बीजेपी समर्थक निर्दलीय सुभाष चंद्रा के प्रस्तावकों में नरपत सिंह राजवी, वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल रहे।
सुभाष चंद्रा बोले- निर्दलीयों से बात करके ही चुनाव लड़ रहा
सुभाष चंद्रा ने नामांकन के बाद जीत का दावा किया है। कहा- मैंने चुनाव लड़ने से पहले निर्दलीयों से बात की है। पहले बीजेपी के आलाकमान से इजाजत ली , फिर निर्दलीयों से बातचीत करके ही चुनाव मैदान में उतरा हूं। मैं बाहरी नहीं, राजस्थान का जाया जन्मा हूं।
कांग्रेस के तीनों उम्मीदवारों ने नामांकन भरे, प्रमोद तिवारी तीसरी वरीयता में
कांग्रेस के तीनों राज्यसभा उम्मीदवारों मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी ने नामांकन भर दिए हैं। प्रमोद तिवारी को तीसरे नंबर पर रखा है। तीनों उम्मीदवार नामांकन से पहले पीसीसी गए, जहां उनका स्वागत किया गया।
आज-कल में बाड़ेबंदी के आसार
BJP समर्थक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन करने के साथ ही राज्यसभा चुनाव की बाड़ेबंदी पर भी फैसला हो जाएगा। कांग्रेस और BJP आज-कल में अपने-अपने विधायकों की फाइव स्टार होटलों में बाड़ेबंदी कर सकते हैं। विधायकों को सुरक्षित एक जगह रखने के लिए बाड़ेबंदी तय मानी जा रही है।