Button History: भारत में हुई थी Button की खोज, पहले अमीरों का आभूषण बना फिर सबकी जरूरत, अब चीन है बटनों का राजा

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‘बटन’ देखने में बहुत छोटी चीज है, इतनी छोटी कि इसका महत्व हम तब तक नहीं जान पाते जब तक किसी सार्वजनिक स्थल पर हमारी शर्ट का बटन ना टूट जाए. दुनिया की लगभग हर शर्ट बिना बटन के अधूरी है. हम रोज ही इन बटनों को देखते हैं लेकिन इसके बावजूद हम इनके बारे में ज्यादा नहीं सोचते, जबकि इनकी जरूरत बहुत सी बड़ी चीजों से ज्यादा है.

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क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसी चीजों के आविष्कार का ख्याल किसके मन में आया होगा? इसे किसने बनाया होगा और जिसने भी बनाया, इसका आकार गोल क्यों रखा होगा? नहीं जानते तो, आज आपको बटन से जुड़े ऐसे कई सवालों के जवाब मिलेंगे.

तो चलिए जानते हैं बटन के इतिहास के बारे में:

भारत में हुई बटन की खोज

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ये मानने वाली बात है कि भारत ने बहुत से क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. आज दुनिया में बहुत सी प्रचलित चीजों को जन्म देने वाला ये भारत ही है. दूसरी तरफ ये भी सच है कि बहुत सी चीजें हमारे देश से जरूर उपजी हैं लेकिन उसका फायदा अन्य देशों ने उठाया. बटन भी ऐसी ही एक खोज थी, जिसका श्रेय भारत को जाता है. हालांकि इसे व्यावसायिक रूप से दुनिया तक पहुंचाने वाला देश जर्मनी को माना जाता है और अब इसके का बादशाह चीन है. हम इन सभी विषयों पर बात करेंगे लेकिन सबसे पहले बात भारत में बटन की खोज पर.

2000 ईसापूर्व होता था बटन का इस्तेमाल

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बताया जाता है कि बटन जैसी जरूरी चीज की खोज का श्रेय भारत हो जाता है. इसका आविष्कार अपने ही देश में 2000 ईसापूर्व में हुआ था. बटन के भारत में आविष्कार की बात ज्यादा हैरान करने वाली नहीं है क्योंकि ईसापूर्व बहुत सी ऐसी चीजों की खोज हमारे देश में हुई जो पहले से दुनिया में कहीं नहीं थीं. पुरातत्वविदों ने खुदाई में ऐसी चीजों को खोजा तो सही लेकिन ये पता लगाने में असमर्थ रहे कि इसकी खोज की किसने. ऐसी ही चीजों में एक नाम बटन का भी आता है. इसकी खोज करने वाले का पता ना होने के कारण दुनिया इतने महत्वपूर्ण चीज के आविष्कार के बारे में नहीं जान पाई.

पुरातत्वविदों की मानें तो मोहनजोदड़ो की खुदाई में इस बात के साक्ष्य सामने आए हैं बटन का सबसे पहले इस्तेमाल सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान हुआ है. इतिहासकारों का अनुमान है कि इसका प्रयोग 2000 ईसापूर्व में किया गया होगा. हालांकि तब बटन शर्ट या किसी अन्य वस्तु को बंद करने के लिए प्रयोग नहीं किये जाते थे, बल्कि हड़प्पावासी इसका इस्तेमाल आभूषण के तौर पर करते थे. इसके साथ ही ये भी माना जाता है कि तब ये गोल नहीं बल्कि ज्यामितीय आकार के होते थे.

तब ऐसे होते थे बटन

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ये वो समय था जब बटनों के निर्माण लिए प्लास्टिक या कोई अन्य धातु नहीं थी, लोग खुद ही लकड़ी या पत्थर से बटन बनाया करते थे. इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि बटन का इस्तेमाल 5000 वर्ष ईसापूर्व से शुरू हो चुका था. ये बटन एक घुमावदार खोल से बने होते थे. इन बटनों का उपयोग किसी व्यक्ति की पोशाक की शोभा बढ़ाने के लिए किया जाता था, जो इसे लगाने वाले के धन और समाज में उसकी आर्थिक स्थिति को दर्शाता था.

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इन बटनों की सतहों में छोटे छेद ड्रिल किए जाते थे और धागे की मदद से कपड़ों में जोड़े जाते थे. जैसे-जैसे शताब्दियां आगे बढ़ीं, बटन का उपयोग कपड़ों के फास्टनर के रूप में अधिक से अधिक हो गया, प्राचीन रोमवासी इन बटनों का उपयोग पिन के साथ कपड़ों को ठीक करने के लिए करते थे.

जर्मनी ने किया व्यापारिक रूप से इसका विकास

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भले भारत में इस महत्वपूर्ण वस्तु की खोज हुई लेकिन इसे व्यापारिक रूप से दुनिया तक पहुंचाने का श्रेय किसी अन्य देश को मिला. ये जर्मनी था जिसने 13वीं सदी में पहली बार दुनिया का परिचय बटन से कराया और इसे व्यापारिक तौर पर विकसित किया गया. इस दौरान, कभी आभूषणों के रूप में इस्तेमाल होने वाले इन बटनों में धागे के लिए छेद किये गए. 13 वीं सदी के अंत और 14 वीं सदी की शुरुआत तक ये बटन जर्मनी से निकल कर पूरे यूरोप में अपनी पहचान बना चुके थे.

ज्यादातर बटन गोल क्यों होते हैं?

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इन बटनों को देख कभी न कभी मन में ये जिज्ञासा जरूर उठती होगी कि आखिर इनका आकार गोल ही क्यों होता है. हालांकि ये बटन चौकोर या तिकोना आकार में भी देखते जाते हैं लेकिन लेकिन सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले बटन गोल ही होते हैं, क्योंकि इनका इस्तेमाल आसान है. इसीलिए ये सबसे ज्यादा बनते और इस्तेमाल होते हैं. गोल आकर होने के कारण ये शर्ट में बनाए गए काज में आसानी से घुस कर लॉक हो जाते हैं. वहीं, दूसरे आकार के बटन काज में आसानी से नहीं घुस पाते.

चीन है बटनों का राजा

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भारत में इन बटनों की खोज हुई, जर्मनी ने व्यापारिक रूप से इनका विकास किया लेकिन आज के समय में इन बटनों का राजा चीन है. यहां के झेजियांग प्रांत का कियोतु शहर अकेले ही दुनिया में इस्तेमाल होने वाले कुल बटनों के 60% का उत्पादन करता है. इसीलिए इस शहर को ‘बटन कैपिटल ऑफ वर्ल्ड और बटन टाउन’ भी कहते हैं. यहां हर साल 15 अरब बटन का उत्पादन होता है.

बटन दुनिया में सबसे ज्यादा व्यापार होने वाले उत्पादों में 776वें नंबर पर है. इसका सबसे ज्यादा उत्पादन चीन में होता है. वह दुनिया में इसका सबसे निर्यातक भी है. वर्ष 2019 की ग्लोबल रिपोर्ट के अनुसार चीन के बाद हांगकांग, इटली, जापान और जर्मनी में सबसे ज्यादा बटन का उत्पादन और निर्यात होता है. भारत इस सूची में चौथे स्थान पर आता है.