Crypto की कमाई से दुबई में खरीदा घर, जानिए टैक्स अथॉरिटी आपको कैसे ले सकती है खोमचे में

क्रिप्टो करेंसी किसी non-public पॉकेट से किसी भारतीय के खाते में आना और उसके बाद एक प्रॉपर्टी फर्म के खाते में जाना, यह एक ऐसा ट्रांजैक्शन है जिसमें क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शन और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के नियमों का उल्लंघन भी होता है.

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भारत के बहुत से रईस अब दुबई में घर खरीदने के लिए क्रिप्टो करेंसी की मदद ले रहे हैं

नई दिल्ली: भारत के बहुत से रईस अब दुबई में घर खरीदने के लिए क्रिप्टो करेंसी की मदद ले रहे हैं. एमिरेट्स के लीडिंग रियल एस्टेट प्लेयर अब डिजिटल कॉइन स्वीकार कर रियल स्टेट के सौदे करने में जुटे हुए हैं. इस तरह के ट्रांजैक्शन दुबई में पूरी तरह वैध हैं. दुबई अपने आप को दुनिया की क्रिप्टो करेंसी कैपिटल बनाना चाहता है. लेकिन अगर आप उस देश के रहने वाले हैं जहां क्रिप्टो करेंसी वैध नहीं है या उस पर प्रतिबंध है और आप उस क्रिप्टो में कमाई के पैसे से दुबई में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो आप कानूनी पचड़े में पड़ सकते हैं.

इस तरह की प्रॉपर्टी खरीदने वाले लोगों को यह पता नहीं है कि उनका पासपोर्ट, उनके परिवार के लोगों की जानकारी या जिनके नाम पर प्रॉपर्टी रजिस्टर हुई है उनकी जानकारी भारत के इनकम टैक्स अधिकारियों और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट या प्रवर्तन निदेशालय को भेजी जा रही है. भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्रिप्टो करेंसी पर आंशिक प्रतिबंध लगाया हुआ है.

भारत सरकार का वित्त मंत्रालय क्रिप्टो करेंसी से हुई कमाई पर टैक्स लगाना चाहता है. बहुत से हाई नेटवर्क इंडिविजुअल अब अपनी क्रिप्टो करेंसी को लेकर दुबई शिफ्ट हो रहे हैं और उन्होंने अलग-अलग मॉनिटरी सेंटर पर क्रिप्टो कारोबार करने की योजना बनाई है.

इस तरीके से बहुत से लोग अब टैक्स चोरी के आरोप में पकड़े जा सकते हैं. वास्तव में यह एक ऐसा अपराध है जिसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है. सबसे पहली बात तो यह है कि क्रिप्टो करेंसी किसी non-public पॉकेट से किसी भारतीय के खाते में आना और उसके बाद एक प्रॉपर्टी फर्म के खाते में जाना, यह एक ऐसा ट्रांजैक्शन है जिसमें क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शन और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के नियमों का उल्लंघन भी होता है.

दूसरी बात यह कि अगर आप विदेश में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो आपको भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक बैंकिंग चैनल के जरिए ही पैसे ट्रांसफर करने की जरूरत है.

इससे भी बड़ी बात यह है कि अगर आप भारत के नागरिक हैं और और विदेश में प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो आपको अपने सालाना इनकम टैक्स रिटर्न में इस बात की जानकारी देनी जरूरी है. अगर आप इस बात की जानकारी नहीं देते और इस रकम पर टैक्स नहीं चुकाते तो यह टैक्स चोरी का सीधा सीधा मामला है.

इस बारे में एक टैक्स कंसलटेंट और चार्टर्ड अकाउंटेंट ने कहा, “भारत के बहुत से लोग दुबई में रियल एस्टेट में निवेश करते हैं. वह वहां अपना एक दूसरा घर खरीदना चाहते हैं. कई लोग अतिरिक्त आमदनी की वजह से भी दुबई में घर खरीदना चाहते हैं जिसे वे किराए पर उठाकर कमाई कर सकें.”

अगर आप भी क्रिप्टो करेंसी में कमाई कर दुबई में प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं तो आपको टैक्स प्रोफेशनल से सलाह मशविरा करने के बाद ही प्रॉपर्टी खरीदनी चाहिए. आपको ऐसा टैक्स कंसलटेंट चुनना चाहिए जो दोनों देशों के नियम कानून को समझता हो.