7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव: सभी की नजरें अंधेरी पूर्व सीट पर, शिवसेना के दोनों गुटों को ताकत दिखाने का मौका

विधानसभा उपचुनावों में सभी की नजरें अंधेरी पूर्व सीट पर लगी है. (सांकेतिक तस्वीर)

विधानसभा उपचुनावों में सभी की नजरें अंधेरी पूर्व सीट पर लगी

नई दिल्ली. बिहार और महाराष्ट्र में 3 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव इन राज्यों में सत्ता परिवर्तन के बाद बनी सरकारों की लोकप्रियता की पहली चुनावी परीक्षा है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना का उद्धव ठाकरे खेमा अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर एक-दूसरे के खिलाफ हैं. इस सीट पर उपचुनाव शिवसेना में बगावत के कारण राज्य में महा विकास आघाड़ी सरकार के गिरने के बाद एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले खेमे की लोकप्रियता परखने का भी पहला बड़ा मौका है.

शिंदे शिवसेना के 55 विधायकों में से 40 विधायकों का समर्थन जुटाकर उद्धव ठाकरे की जगह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए थे. भाजपा ने उपचुनाव में ठाकरे खेमे की उम्मीदवार ऋतुजा लटके के खिलाफ मुरजी पटेल को खड़ा किया है. कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) तथा वाम दल भाजपा के खिलाफ एकजुट हो गए हैं. इस सीट पर शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था.

बीजेपी का साथ छोड़ने के बाद नीतीश की परीक्षा
बिहार में मोकामा और गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव भाजपा से गठबंधन तोड़कर लालू प्रसाद की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से हाथ मिलाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहली चुनावी परीक्षा है. मोकामा से राजद के विधायक और स्थानीय प्रभावशाली नेता अनंत सिंह को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद उन्हें विधायक पद के लिए अयोग्य करार दिया गया था. जिससे यह सीट खाली हुई. जबकि गोपालगंज से भाजपा विधायक सुभाष सिंह के निधन के कारण उपचुनाव कराना पड़ा है.

मोकामा से राजद ने अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा ने एक अन्य कद्दावर नेता लल्लन सिंह की पत्नी सोनम देवी को टिकट दिया है. गोपालगंज में भाजपा ने राजद के मोहन गुप्ता और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की इंदिरा यादव के खिलाफ सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी को मैदान में उतारा है. इंदिरा यादव राजद के संस्थापक लालू प्रसाद के साले साधु यादव की पत्नी हैं.

तेलंगाना में भी बीजेपी की नजर
तेलंगाना में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के खिलाफ भाजपा के अभियान की मुनुगोडे विधानसभा उपचुनाव में परीक्षा होगी. इस सीट पर कांग्रेस विधायक के. राजगोपाल रेड्डी के इस्तीफे के कारण उपचुनाव कराना पड़ रहा है. राजगोपाल रेड्डी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और उनके सामने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) उम्मीदवार के. प्रभाकर रेड्डी और कांग्रेस प्रत्याशी पी एस रेड्डी की चुनौती है. भाजपा कर्नाटक के बाद तेलंगाना में अपने पैर जमाने पर नजरें गड़ाए हुए है. राज्य में विधानसभा चुनाव के महज एक साल पहले उपचुनाव हो रहा है.

यूपी में बीजेपी और सपा का मुकाबला
उत्तर प्रदेश में गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सीधा मुकाबला भाजपा और सपा के बीच होना तय है. भाजपा विधायक अरविंद गिरी के निधन के कारण खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हो रहा है. भाजपा ने सपा के विनय तिवारी के खिलाफ गिरी के बेटे अमन को प्रत्याशी बनाया है. बसपा और कांग्रेस ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है.

भजनलाल के परिवार के गढ़ में मुकाबला
हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा के युवा उम्मीदवार भव्य बिश्नोई आदमपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में ‘अपने परिवार के पांच दशक पुराने गढ़’ को बचाने में जी-जान से जुटे हैं. जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अनुभवी नेता जय प्रकाश पर दांव लगाया है. पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत भजन लाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई के इस सीट से विधायक के तौर पर इस्तीफा देने के बाद यहां उपचुनाव कराना पड़ रहा है.

ओडिशा में त्रिकोणीय मुकाबला
ओडिशा में धामनगर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद है. भाजपा ने इस उपचुनाव में सूर्यवंशी सूरज स्थितिप्रज्ञा, बीजू जनता दल (बीजद) ने अंबति दास और कांग्रेस ने हरेकृष्ण सेठी को उम्मीदवार बनाया है. भाजपा विधायक बिष्णु सेठी के निधन के कारण यह सीट खाली हुई है और पार्टी ने उनके बेटे सूर्यवंशी को टिकट दिया है.