सोलन अस्पताल में 20 लाख की मशीन का निवेश कर ,दो वर्षो में निजी कम्पनी ने सरकार को लगाई 48 लाख की चपत

सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में, एक्सरे मशीन सरकार द्वारा लगाई है। इस मशीन को चलाने के लिए भी ,सरकार ने ही कर्मचारी तैनात किए है। लेकिन एक्सरे मशीन की फिल्म को डेवलप करने के लिए सीआर मशीन चाहिए होती है। जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं लगाई गई बल्कि उसे एक निजी कम्पनी द्वारा अस्पताल में प्रदेश सरकार के आदेशों पर स्थापित की गई। गौर तलब है कि इस मशीन को भी सरकारी कर्मचारी ही चला रहे है। जो भी इस मशीन से एक्सरे आता है उसे पुणे की कम्पनी को भेजा जाता है जिस पर वहां से विशेषज्ञ अपनी रिपोर्ट करता है। इस रिपोर्टिंग और सीआर मशीन पर अस्पताल प्रशासन का लाखों का खर्च हो रहा है। जिसको लेकर एमएस सोलन ने इस प्रक्रिया से हो रही हानि के बारे में सरकार को पत्र लिख कर अवगत करवाया है। यहाँ तक कि सोलन अस्पताल प्रशासन द्वारा नई सीआर मशीन भी खरीद ली गई है।

पुणे की कंपनी ने करीबन 20 लाख रुपये खर्च किए और अस्पताल प्रशासन को मशीन सौंप दी। जिसको चलाने वाले भी सरकारी कर्मचारी है केवल रिपोर्टिंग ऑनलाइन पुणे से की जा रही है। जिस पर अस्पताल प्रशासन कम्पनी को करीबन ढाई लाख रुपये प्रत्येक माह भुगतान कर रहा है। अगर हिसाब लगाया जाए तो सरकार कम्पनी को उसके निवेश पर प्रत्येक माह 10 प्रतिशत से अधिक भुगतान कर रही है। यह सिलसिला दो वर्षों से चल रहा है। उल्लेखनीय है कि अभी तक कंपनी दो वर्षों में निवेश का दोगुना पैसा सरकार से ले चुकी है और मशीन की मालिक भी अभी तक कम्पनी है। गौर तलब बात यह है कि इस तरह कम्पनी ने हिमाचल के अलावा और राज्यों में भी अपना नेटवर्क फैलाया है और अच्छा खासा मुनाफ़ा कमाया जा रहा है।

 

अधिक जानकारी देते हुए सोलन अस्पताल में कार्यरत जागरूक मेडिकल सुपरिटेंडेंट एस एल वर्मा ने बताया कि जब उन्हें जानकारी मिली कि अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो वर्षों में 48 लाख रुपये कंपनी को केवल सी आर मशीन स्थापित करने के लिए दिया जा चुका है। तो उन्हें प्रतीत हुआ कि सरकार को इसमें लाखों का नुकसान हो रहा है तो उन्होंने नई सी आर मशीन को खरीद लिया है और उच्च अधिकारियों को वास्तविक स्थिति से अवगत करवा कर कम्पनी से एमओयू रद्द करने का आग्रह किया है ताकि वह अपनी सी आर मशीन स्थापित कर सरकार का पैसा बचा सकें। उन्होंने कहा कि वह अब सरकार की अनुमति का इंतज़ार कर रहे है जैसे ही उन्हें सरकार की अनुमति होगी वह अपनी सीआर मशीन स्थापित कर लेंगे।