बीवी के गहने गिरवी रख कर ओड़शा के इस शख्स ने अपने गांव में पुल बनवा दिया, दुनिया सलाम कर रही है

नेता चुनाव के आस-पास नज़र आते हैं, जीतने के बाद गायब हो जाते हैं. चाहे देश के किसी भी कोने में देख लीजिए. बहुत कम नेता ऐसे होते हैं जो सही मायने में देश के विकास के लिए काम करें या एक कदम उठाए. ओड़िशा के रायगड़ा ज़िले के काशीपुर ब्लॉक के गुंजरमपंजारा गांव की हालत भी कुछ ऐसी ही थी. नेता सड़क के वादे तो करते थे लेकिन वादे पूरे नहीं कर रहे थे. नेताओं के वादे सुन-सुन कर एक शख्स त्रस्त हो गया और उसने खुद ही गांव की पुल की समस्या सुलझा दी. इस शख्स ने गांव की मुश्किल आसान करने के लिए अपनी पत्नी के ज़ेवर गिरवी रख दिए.

नेताओं के झूठे वादों से परेशान हो गया था शख़्स

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Hindustan Times की एक रिपोर्ट के अनुसार, रंजीत नायक नामक शख्स ने जून 2022 में प्रशासन और सरकारी अधिकारियों से उम्मीद करना छोड़ दिया. गुंजरमपंजारा गांव में तकरीबन 100 परिवार रहते हैं. पेशे से ट्रक ड्राइवर नायक ने कई नेताओं को झूठे वादे करते सुना. नेताओं ने कहा कि बिछला नदी पर पुल बनवाया जाएगा ताकि गांववाले पास के कालाहांडी ज़िले में बने ज़िला अस्पताल तक आसानी से पहुंच सके. गौरतलब है कि किसी नेता ने ये वादा पूरा नहीं किया

नदी में बह जाते थे लोग, बाइक

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नदी पार करने की कोशिश में बहुत से लोग ज़ख़्मी होते थे. नदी गहरी नहीं थी लेकिन बहाव तेज़ था. रंजीत ने बताया कि लोग नदी का बहाव इतना तेज़ था कि बाइक भी बह जाती थी. नदी पर पुल बन जाने से गांव वाले आसानी से कालाहांडी और नबरंगपुर ज़िलों तक सफ़र कर सकेंगे लेकिन नेता और प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही थी.

पत्नी के ज़ेवर गिरवी रखवा कर बनवाया पुल

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रंजीत ने गांववालों की ज़िन्दगी आसान करने की ठान ली थी. वो कॉन्क्रीट के पुल का खर्च नहीं उठा सकता था पर रंजीत ने हिम्मत नहीं हारी और लकड़ी का पुल बनाने का निर्णय लिया. रंजीत किसी भी हाल में गांव वालों की समस्या का हल ढूंढना चाहता था और इसके लिए उसने अपनी पत्नी के ज़ेवर तक गिरवी रख दिए. ज़ेवर गिरवी रखकर 70,000 रुपये मिले और इससे पुल बनाने के लिए बांस, लकड़ी आदि खरीदी.

रंजीत के पिता, कैलाश ने भी बेटे की मदद करने का निर्णय लिया. पिता और बेटे ने साथ में पुल पर काम शुरू किया. रंजीत ने पुल बनाने के लिए ट्रक ड्राइविंग का काम कुछ दिनों के लिए छोड़ दिया. नवंबर 2022 में पिता और बेटे की जोड़ी ने गांववालों को तोहफ़े में ये पुल दिया. ये ब्रिज इतना मज़बूत है कि इस पर आसानी से दोपहिया वाहन चलाए जा सकते हैं.

रंजीत के इस नेक काम की दुनिया तारीफ़ कर रही है.