Bihar News: बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में लेफ्ट ने अचानक से विपक्षी बीजेपी को मौका दे दिया है। सीपीआई माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बुधवार को अपनी ही सरकार पर कई सवाल उठा दिए थे और कहा था कि महागठबंधन सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पा रही।
लेफ्ट ने अपने नेता के हत्यारों से समझौता किया- बीजेपी
बीजेपी प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद ने लेफ्ट पार्टियों को इस दफे आड़े हाथों ले लिया है। निखिल ने कहा है कि ‘सीपीआई एमएल अब अन्य पार्टियों की तरह वैचारिक आडंबर यानि दिखावा करने लगी। JNUSU के पूर्व अध्यक्ष और कुशवाहा समाज के बेटे कॉमरेड चंद्रशेखर की नृशंस हत्या जिस पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय पदाधिकारी और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन और उनके लोगों ने की, उसी से गिरकर समझौता कर लिया। ये इस हद तक गिर जाएंगे, हमें विश्वास नहीं था। कालांतर में IPF टूटकर लालू की पार्टी में विधायक भी चले गए थे। आज तो ये स्थिति है कि सीपीआई माले के नेता अगर ज्यादा चूं-चपड़ करेंगे, तो इनकी पार्टी के विधायक एक बार फिर से आरजेडी में शामिल हो जाएंगे। कई लोगों की तो बात तक हो चुकी है।’
लेफ्ट अपने गिरेबां में भी झांके- बीजेपी
आगे निखिल आनंद ने कहा कि ‘अब जो वादाखिलाफी की बात दीपांकर भट्टाचार्य कर रहे हैं, नीतीश कुमार किसानों का सवाल हो, किसानों का सवाल हो, शिक्षकों का सवाल हो व्यवसाइयों और आमलोगों की उनकी सुरक्षा का सवाल हो, कहीं भी खरे नहीं उतर रहे हैं। अब तो नियुक्ति पत्र बांटने का ये इवेंट मैनेजमेंट तक कर रहे हैं। NDA सरकार में बांटी गई नौकरी वालों को ही ये फिर से नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं। दीपांकर का सवाल सही है लेकिन सीपाईएम वालों को अपने गिरेबां में भी झांकना चाहिए कि वो राजनीति के लिए कितने गिर गए हैं। और अब RJD JDU के सामने कितना लोटेंगे और घोलटेंगे, ये आने वाले वक्त में पता चलेगा।’
क्या कहा है लेफ्ट ने
सीपीआई माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्या ने बुधवार को पटना में ये बयान दिया था कि ‘महागठबंधन सरकार उम्मीद के विपरीत लोगों को निराश कर रही है। चाहे मसला शिक्षकों की बहाली का हो या फिर भूमिहीनों का। महागठबंधन सरकार से अभी तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया जाना चिंताजनक है और इससे युवाओं में आक्रोश पनप रहा है। गरीबों की झोंपड़िया बगैर वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ी जा रही हैं।’