साल 2100 तक चीन की जनसंख्या होगी आधी, भारत में 29 करोड़ लोग कम होंगे

नई दिल्ली. दुनिया की आबादी अगली सदी में कम होने वाली है. एक ताजा स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि पृथ्वी की कुल आबादी साल 2064 में 9.7 अरब तक पहुंचकर अपने चरम पर पहुंच जाएगी. इसके बाद साल 2100 में यह घटकर 8.79 अरब रह जाएगी. लैंसेट मेडिकल जर्नल की इस रिपोर्ट के मुताबिक सदी के अंत तक भारत में 29 करोड़ लोग कम हो जाएंगे.

तेजी से बूढ़े हो रहे चीन में तो साल 2100 तक आधी जनसंख्या घट चुकी होगी. वहां वर्तमान में 140 करोड़ के मुकाबले 66.8 करोड़ घटकर सिर्फ 74 करोड़ आबादी रहने का अनुमान है. वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी ने कहा है कि जनसंख्या गिरने का जो ट्रेंड शुरू होगा, उसे बदला नहीं जा सकेगा.

साल 2021 में मात्र 4,80,000 बढ़ी है चीन की जनसंख्या
चीन की जनसंख्या में साल 2021 में मात्र 4,80,000 की बढ़ोतरी हुई है. चीन की राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के मुताबिक चीन की आबादी 2021 में 1.41212 बिलियन थी जो कि बढ़कर साल 2021 में 1.41260 बिलियन हो गई है. शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज की टीम द्वारा तैयार आंकड़े बताते हैं कि साल 2100 तक चीन में बुजुर्गो की जनसंख्या वर्किंग पापुलेशन से ज्यादा हो जाएगी. साथ ही कहा कि चीन की आबादी साल 2100 में 587 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है. अगर ऐसा हुआ तो चीन की आबादी आज की तुलना में आधे से भी कम रह जाएगी.

ये दावा संयुक्त राष्ट्र (UN) के उस अनुमान से उलट है, जिसमें कहा गया था कि वर्ष 2100 तक दुनिया की आबादी 11 अरब तक पहुंच जाएगी. फिलहाल दुनिया की आबादी 8 अरब से नीचे है. चीन, भारत, अमेरिका, पाक सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं.

शहरीकरण, महिलाओं की शिक्षा से भी बदलाव
एक्सपर्ट्स शहरीकरण के साथ-साथ महिलाओं के शिक्षित होने, काम करने और बर्थ कंट्रोल के साधनों तक बेहतर पहुंच होने को जनसंख्या कम होने की वजह बताते हैं. साल 1960 में दुनियाभर में एक महिला औसतन 5.2 बच्चों को जन्म देती थी. आज आंकड़ा 2.4 बच्चों पर आ पहुंचा है. साल 2100 तक ये 1.66 तक पहुंच जाएगा.

अफ्रीका में बढ़ेगी आबादी, यूरोप, अमेरिका में घटेगी
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप की तरह एशिया और दक्षिण अमेरिका में जनसंख्या गिरनी शुरू हो जाएगी. हालांकि, अफ्रीका में जनसंख्या बढ़नी जारी रहेगी, पर बढ़ने की गति धीमी होगी. नाइजीरिया में 58 करोड़ लोगों के बढ़ने की संभावना है.