Cabinet decisions: किसानों को मोदी सरकार का डबल गिफ्ट, खाद पर सब्सिडी को मंजूरी, एथनॉल की कीमत में बढ़ोतरी

केंद्रीय मंंत्रिमंडल ने रबी सत्र के लिए फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों के लिए सब्सिडी मंजूर कर दी है। साथ ही एथनॉल की कीमत में बढ़ोतरी की गई है। इन फैसलों से देश के करोड़ों किसानों को फायदा होगा। 2023 से चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का पायलट परीक्षण शुरू किया जाएगा।

Cabinet decisions

नई दिल्ली: देश के करोड़ों किसानों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने रबी सत्र में किसानों को फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों के लिए सब्सिडी को मंजूरी दे दी है। साथ ही एथनॉल की कीमत में भी बढ़ोतरी कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने इन प्रस्तावों को मंजूरी दी। वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही या रबी सत्र में किसानों को फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों के लिए 51,875 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। सीसीईए ने नाइट्रोजन (एन) के लिए 98.02 रुपये प्रति किलोग्राम, फास्फोरस (पी) के लिए 66.93 रुपये प्रति किलोग्राम, पोटाश (के) के लिए 23.65 रुपये प्रति किलोग्राम और सल्फर (एस) के लिए 6.12 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी को मंजूरी दी है। अप्रैल से शुरू हुए वित्त वर्ष के पहले छह महीनों (खरीफ सत्र) में पीएंडके उर्वरकों के लिए 60,939.23 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई थी। न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) योजना अप्रैल, 2010 से लागू है।

एक सरकारी बयान के मुताबिक एनबीएस रबी-2022 (एक अक्टूबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक) में मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित सब्सिडी 51,875 करोड़ रुपये होगी, जिसमें माल ढुलाई सब्सिडी के जरिये स्वदेशी उर्वरक (एसएसपी) के लिए समर्थन शामिल है। उर्वरक और कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उतार-चढ़ाव को मोटेतौर पर केंद्र सरकार द्वारा वहन किया गया है। योजना के तहत सरकार वार्षिक आधार पर नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और सल्फर जैसे पोषक तत्वों पर सब्सिडी की एक निश्चित दर तय करती है।


एथनॉल की कीमत में बढ़ोतरी

सरकार ने साथ ही पेट्रोल में मिलाने के लिए इस्तेमाल होने वाले एथनॉल की कीमत बढ़ा दी। सरकार आयातित तेल पर निर्भरता घटाने के लिए एथनॉल को बढ़ावा दे रही है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने सभी तीन तरह के एथनॉल की कीमतों को बढ़ाने का फैसला किया। दिसंबर, 2022 से शुरू होने वाले आपूर्ति वर्ष के लिए गन्ने के रस से बनने वाले एथनॉल की कीमत को बढ़ाकर 65.60 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। यह अभी 63.45 रुपये प्रति लीटर है। सी-हेवी शीरे से बनने वाले एथनॉल की दर 46.66 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 49.40 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। इसी तरह बी-हेवी शीरे से बनने वाले एथनॉल की दर 59.08 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 60.73 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। इससे गन्ना किसानों को फायदा होगा।

इस समय पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाया जाता है और सरकार 2024-25 तक इस मात्रा को दोगुना करना चाहती है। पुरी ने कहा कि हमने किसानों को फायदा पहुंचाने के अलावा 10 प्रतिशत मिश्रण से विदेशी मुद्रा व्यय में लगभग 40,000 करोड़ रुपये की बचत की है। उन्होंने कहा कि अप्रैल, 2023 से चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का पायलट परीक्षण शुरू किया जाएगा। गन्ने के रस के साथ टूटे चावल और अन्य कृषि उत्पादों से निकाले गए एथनॉल के उपयोग से भारत को आयातित तेल पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। भारत फिलहाल अपनी 85 प्रतिशत तेल जरूरतों को आयात के जरिये पूरा करता है। पुरी ने कहा कि औसतन 10 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य जून, 2022 में हासिल कर लिया गया, जबकि इसके लिए नवंबर, 2022 का लक्ष्य तय किया गया था।\
उन्होंने कहा कि सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य 2030 से घटाकर 2025-26 कर दिया है।