टैक्स छूट देने से जुड़ा बड़ा मामला उजागर हुआ है। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है। इस मामले में 18,800 करोड़ रुपये की रकम जुड़ी है। देशभर में 21 हजार चैरिटेबल ट्रस्टों ने यह टैक्स छूट हासिल की है। जबकि यह छूट पाने के लिए उन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था।
नई दिल्ली: टैक्स छूट (Exemption) देने में चूक का मामला सामने आया है। यह चैरिटेबल ट्रस्टों से जुड़ा है। करोड़ों की यह टैक्स छूट चैरिटेबल ट्रस्टों को दी गई जो इसके लिए रजिस्टर्ड ही नहीं थे। इनकी संख्या 21 हजार है। असेसमेंट ईयर 2014-15 से 2017-18 के बीच इन्हें 18,800 करोड़ रुपये की टैक्स छूट दी गई। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पर अपनी रिपोर्ट में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने यह बात कही है। इसके बाद कई सवाल उठने लगे हैं। पूछा जा रहा है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में कैसे बिना आवेदन चैरिटेबल ट्रस्टों को छूट मिल गई। यह छूट किसने दी और किस आधार पर दी। क्या इसमें कोई बड़ी गड़बड़ी है। इन सवालों का जवाब जांच के बाद ही पता चल सकता है।
दिल्ली में ऐसे ट्रस्टों की संख्या 1,345 है। इसके जरिये इन्होंने सबसे ज्यादा 4,245 करोड़ रुपये की छूट हासिल की। महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 3745 है। एग्जेम्प्शन के लिए इन अन-रजिस्टर्ड ट्रस्टों को 2,500 करोड़ रुपये की छूट मिली। उत्तर प्रदेश में 2100 ऐसे ट्रस्टों ने 1,800 करोड़ रुपये की टैक्स फ्री इनकम की। जबकि चंडीगढ़ में 299 ट्रस्टों को 1,600 करोड़ रुपये की छूट मिली। मध्यप्रदेश में 770 से ज्यादा ट्रस्टों ने 1,595 करोड़ रुपये का एग्जेम्प्शन पाया। गुजरात, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक ने इसी तरह से 1,000-1,000 करोड़ रुपये टैक्स क्लेम किया।
ऑडिर ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी है। दिलचस्प यह है कि उसने पाया है कि 347 ट्रस्टों को विदेशी चंदा मिला है। जबकि उनका फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) रजिस्ट्रेशन नहीं है।
क्या है चैरिटेबल ट्रस्टों के लिए शर्त?
चैरिटेबल ट्रस्टों के लिए इनकम टैक्स से छूट पाने के लिए कुछ शर्तें हैं। इसके लिए उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। यह रजिस्ट्रेशन सेक्शन 12एए के तहत होता है। मान्यताप्राप्त ट्रस्टों को कानून के सेक्शन 11 के तहत इनकम टैक्स से छूट मिलती है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट के अनुसार, ऑडिट में पाया गया है कि सेक्शन 11 के तहत 21,381 मामलों में टैक्स एग्जेम्प्शन क्लेम किया गया है। हालांकि, 12एए के तहत रजिस्ट्रेशन उपलब्ध नहीं है। ये आंकड़े 2014-15 से 2017-18 के बीच के हैं। इनकम टैक्स (सिस्टम्स) के महानिदेशक से कैग को इस बारे में डेटा उपलब्ध कराया गया था। इन ट्रस्टों को विदेशी चंदा पाने के लिए एफसीआरए के तहत रजिस्ट्रेशन पाने की जरूरत होती है। कैग के अनुसार, 347 मामलों में एफसीआरए के तहत प्राप्त विदेशी चंदा उपलब्ध नहीं है। ऑडिट से पता चलता है कि कर्नाटक में बिना रजिस्ट्रेशन ऐसा चंदा प्राप्त करने की रकम सबसे ज्यादा थी।
कितना किसे फायदा?
चैरिटेबल ट्रस्ट जो नहीं थे रजिस्टर्ड लेकिन मिली टैक्स छूट
जगह | चैरिटेबल ट्रस्टों की संख्या | टैक्स छूट (करोड़ रुपये) |
दिल्ली | 1,345 | 4,245 |
महाराष्ट्र | 3745 | 2500 |
यूपी | 2100 | 1800 |
चंडीगढ़ | 299 | 1600 |
एमपी | 770 से ज्यादा | 1595 |