2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टी के दलों ने कमर कस ली है। इन चुनावों ने एक बात साफ कर दी है कि इस बार का चुनाव इतिहासिक रहने जा रहा है। जहाँ वोटर्स कि भारी संख्या, भाजपा का मिशन रिपीट का दावा, कांग्रेस का सीएम कौन, आम आदमी पार्टी मैदान में व आदि इस इतिहास के गवा रहेंगे। अगर हम बात करें नादौन विस् क्षेत्र कि तो ये सीट हमेशा से ही हॉट सीट रही है।
वैदिक समय में वर्ण व्यवस्था के अनुसार विभिन्न जाती 4 प्रकार में बंटी हुई है। जिनमें ब्राह्मण (पण्डित), क्षत्रिय (राजपूत), वैश्या (कारोबारी), शुद्र (जमींदार व unskilled worker) आदि हैं। अगर विस् क्षेत्र नादौन कि बात करें तो प्रत्याशी इन्हीं से मिलते जुलते हैं। ब्राह्मण में भाजपा के प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री, क्षत्रिय में कांग्रेस के प्रत्याशी सुखविंद्र सिंह सुक्खू व शुद्र में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शैंकी ठुकराल हैं।
उलेखनीय बात तो ये है कि तीनों प्रत्याशी पार्टी के राज्य स्तरीय के नेता हैं। विजय अग्निहोत्री भाजपा उप प्रदेशाध्यक्ष हैं, सुखविंद्र सिंह सुक्खू कांग्रेस के राज्य स्टार प्रचारक हैं व शैंकी ठुकराल ‘आप’ के ओबीसी विंग के प्रदेशाध्यक्ष हैं।
अगर हम भाजपा कि बात करें तो मिशन रिपीट के दावे से मैदान में उतरी भाजपा ने एक बार फिर से ब्राह्मण कार्ड को मैदान में उतारा है। विजय अग्निहोत्री ने 2017 के विस् चुनाव के हारने के बावजूद नादौन के विकास क्षेत्र में अपना योगदान दिया है। उन्होंने एचआरटीसी उपाध्यक्ष रहते हुए नादौन में ट्रांसपोर्ट सिटी कि नीव रखी जिसमें 50 हज़ार से अधिक युवाओं को रोजगार का अवसर मुहैया करवाया जाएगा, सिविल हस्पताल कि शिलान्यास, मिनी सचिवालय का शिलान्यास व आदि शामिल हैं। लेकिन नादौन में एचआरटीसी डिपू बनना नादौन कि जनता का सपना ही रह गया जिससे जनता कि नाराजगी समझी जा सकती है। यूँ तो अमित शाह कि नादौन विस् में हुई रैली में भाजपा ने व गलोड़ में सीएम जयराम ठाकुर ने ये साफ कर दिया है कि जीत के बाद विजय अग्निहोत्री को कैबिनेट रैंक का पद मुहैया करवाया जाएगा। आपको बता दें 2019 लोक सभा के प्रचार में अमित शाह ने हमीरपुर कि जनता से वादा किया था कि अनुराग ठाकुर बड़ा पद दिया जाएगा जो उन्होंने चुनाव कि जीत के उपरांत पूरा भी किया। वैसे ही भाजपा द्वारा ये कयास लगाए जा रहें हैं इस बार के चुनाव में विजय अग्निहोत्री कि जीत पक्की हो सकती।
दूसरी ओर मैदान में पुराने खिलाड़ी व कांग्रेस के राजपूत कार्ड सुक्खू हैं। यूँ तो सुक्खू मौजूदा विधायक हैं। लेकिन स्टार प्रचारक होने के चलते वे प्रदेश में कांग्रेस के लिए प्रचार में व्यस्थ हैं। कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतरने से पहले अपना घोषणा पत्र भी निकाल दिया है। कांग्रेस के राजपूत कार्ड होने के बावजूद वोट बैंक दोनों ही तरफ बंटा हुआ है। ओबीसी में सुक्खू कि लोकप्रियता यूँ खूब है लेकिन आप के ओबीसी कार्ड व प्रत्यशी शैंकी ठुकराल के आने के बाद से इनमें भारी गिरावट देखी जा सकती है। गौर रहे सुक्खू के 2012 विस् चुनाव हारने के बावजूद उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ़ के रूप में कमान मिली। उन्होंने जोलसप्पड़ में निर्माणाधीन हस्पताल व मेडिकल कॉलेज कि नीव नादौन विस् क्षेत्र में रखी। कांग्रेस के पास ओल्ड पेंशन स्कीम, बेरोजगारी, महंगाई आदि जैसे भारी मुद्दों से मैदान में उतरी हैं।
वहीं इस बार ट्रेडिशनल पार्टी भाजपा व कांग्रेस के राजनैतिक युद्ध के इलावा तीसरा सैनिक आम आदमी पार्टी द्वारा शैंकी ठुकराल को उतारा गया है। ठुकराल नादौन के कारोबारी व समाज सेवी हैं। ठुकराल ओबीसी विंग आप के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। आपको बता दें उनकी पंचायत फस्ते एक अकेली ऐसी पंचायत हैं जिसके सभी परिवार सदस्यों ने आप का दामन थाम लिया है। ठुकराल बेरोजगारी, मुफ्त स्वास्थ्य, अच्छी शिक्षा सुविधा मुहैया करवाने के बल से सियासी तलवार बाज़ी को उतरें हैं। यूँ तो ठुकराल इस खेल में नए खिलाड़ी हैं। लेकिन उनके नामाकन समारोह में जुटी लगभग 3 हज़ार से ज्यादा भीड़ ने ये साफ कर दिया है कि इस बार के चुनाव में पहले से निर्णय बना लेना बेहद मुश्किल है। उनके पास पार्टी का सीएम फेस न होना सरकार लाने में बड़ी चुनौती है।
नादौन यूँ तो धर्मस्थल के अतिरिक्त वीर भूमि के नाम से भी जानी जाती है। लेकिन राजनीतिक युद्ध मैदान कौन बाज़ी मारेगा ये तो जनता ही फ़ैसला कर सकती है। नादौन वैसे तो बेरोजगारी व महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा है। वर्तमान स्थिति में नादौन में पीने का पानी, बिज़ली, सड़के, आदि में युद्ध स्तर पर कार्य हुआ है। लेकिन अन्य मुद्दे जैसे पार्किंग सुविधा न होना, बाजार में अतिक्रमण, खनन अपराध, युवाओं में नशे कि जकड़ आदि जैसे मुद्दों को अनदेखा करना पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा।