कैरियर : पैरामेडिकल क्षेत्र में हैं नौकरी की अपार संभावनाएं, 12वीं साइंस के बाद…

12वीं के सभी बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम आ चुके हैं। साइंस स्ट्रीम (science stream) से 12वीं करने वाले जो छात्र नीट (NEET) की परीक्षा में एक तय मापदंड के अनुसार अंक नहीं ला सके, उनके लिए पैरामेडिकल (paramedical) क्षेत्र में ढेरों विकल्प तैयार हैं।

कुछ छात्र आर्थिक स्थिति के चलते भी एमबीबीएस (MBBS) न कर पाने में सक्षम नहीं है। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे पैरामेडिकल कोर्स (paramedical course) की जानकारी दे रहे हैं, जिन्हें करने के बाद आपका कैरियर (career) मेडिकल क्षेत्र में शानदार बन सकता है। कुछ संस्थान इनके लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते हैं। कुछ संस्थान 12वीं की कट ऑफ़ (Cut off) के आधार पर भी ये कोर्स चला रहे हैं।

इनमें से अधिकतर पैरामेडिकल कोर्स के लिए 12वीं कक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी कॉम्बिनेशन के साथ 50% न्यूनतम अंक होना जरूरी है। सिलसिलेवार डिमांड के अनुसार इस समय पैरामेडिकल के क्षेत्र में दर्जन के करीब बैचलर कोर्स से आप अपने करियर को बुलंदियों तक ले जा सकते हैं।

सबसे अधिक बीएससी नर्सिंग कोर्स की मांग देश में ही नहीं, विदेशों में भी है। AIIMS, पीजीआई, सीएमसी व मनिपाल के अलावा हजारों संस्थान इस विषय में डिग्री कोर्स करवाते हैं। तीन वर्षीय इस कोर्स को करने के बाद आप नर्स प्रैक्टिशनर, एजुकेटर, मैनेजर, क्लीनिक नर्स स्पेशलिस्ट आदि क्षेत्रों में जॉब पा सकते हैं।

इस क्षेत्र में शुरू में 3-6 लाख प्रति वर्ष का पैकेज आराम से पा सकते हैं। दूसरा सबसे अधिक मांग वाला कोर्स बीएससी इन मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी चल रहा है। इसकी एजुकेशन क्वालिफिकेशन भी 12वीं में पीसीबी का कॉम्बिनेशन होना जरूरी है।

AIIMS व पीजीआई के अलावा देश भर में सैंकड़ों संस्थान मेडिकल लेब टेक्नोलॉजी में बीएससी कोर्स करवाते हैं। इसमें आपके पास बड़े-बड़े हॉस्पिटल में मेडिकल लेब टेक्नोलॉजिस्ट, लेबोरटरी मैनेजर के अलावा विभिन्न पैथोलॉजी लैब में काम करने के अवसर मिलते हैं।

इसमें 3-4 लाख का पैकेज शुरुआत में ही मिल जाता है। साथ ही विदेश जाने के लिए भी इस कोर्स के माध्यम से आपके पास अनेकों अवसर हैं।  तीसरा सबसे अधिक पॉपुलर डिग्री कोर्स बीएससी ऑप्टोमेट्री (आईज टेक्नीशियन) का है। जिसकी देश के अलावा विदेशों में भी खूब मांग है। इस कोर्स के लिए सभी बड़े मेडिकल संस्थानों में बीएससी करवाई जाती है। 3 साल के कोर्स के बाद 2-5 लाख रुपए वेतन आरम्भ में ही मिलना शुरू हो जाता है। इस फील्ड में ऑप्टोमेट्री रिसर्चर, कॉन्टैक्ट लेंस फिटर, विजन थेरेपिस्ट के रूप में काम करने का मौका मिलता है।

आज के युग में रेडियो डायग्नोसिस के फील्ड में ट्रेंड टेक्नीशियनों की बड़ी मांग है। एक्सरे के अलावा अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई व पेट-स्कैन के लिए रेडियोलॉजी में बीएससी ग्रेजुएट की भारी डिमांड है। 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायो के साथ यदि मैथ्स भी हो तो आप इस कोर्स के लिए AIIMS के अलावा पीजीआई, JIPMER, SRMC, KIMS आदि संस्थानों में 3 वर्षीय डिग्री कोर्स चलाया जाता है।

इस फील्ड में नौकरी अपार संभावनाएं है। आरम्भ में ही 2-6 लाख रुपए प्रति वर्ष वेतन आसानी से मिल जाता है। इसी तरह बीएससी रेडियो थेरेपी 3 वर्षीय कोर्स के बाद कैंसर के हॉस्पिटल में टेक्नीशियन के रूप में आसानी से 3-6 लाख रुपए का प्रति वर्ष वेतन मिलता है। पीजीआई जैसे संस्थान ये कोर्स करवाते हैं।

बैचलर ऑफ़ फिजियोथेरेपी एक 4 वर्षीय कोर्स है। इसमें भी शैक्षणिक योग्यता 12 वीं विद साइंस स्ट्रीम है। AIIMS के अलावा पीजीआई, JIPMER, SRMC, KIMS सहित सैंकड़ों अन्य संस्थान यह कोर्स करवाते हैं। आज के युग में फिजियोथेरेपिस्ट (physiotherapist) आरम्भ में ही 3-8 लाख रुपए प्रति वर्ष पैकेज पर कार्य शुरू करते हैं। खेलों के अलावा रेहबलिटेशन स्पेशलिस्ट, कार्डियोपल्मोनरी थेरेपिस्ट व एजुकेटर आदि की नौकरी आसानी से मिल जाती है।

इसके अलावा बैचलर ऑफ़ एकुपेशनल थेरेपी, बीएससी इन स्पीच इन लेंग्वेज, डिप्लोमा इन डायलिसिस टेनिशियन, ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट, डेंटल असिस्टेंट, डेंटल मेकेनिक आदि ऐसे कोर्स हैं। जिन्हें करने के बाद नौकरी की तलाश ज्यादा नहीं करनी पड़ती। सरकारी क्षेत्र के अलावा प्राइवेट में भी नौकरी के ढेरों ऑप्शन हैं। विदेश जाने के लिए भी इन कोर्स से वहां अपने आप को स्थापित किया जा सकता है।