कारपेंटर की बेटी को WPL में मिला 50 लाख का ऑफर, पिता ने क्रिकेटर बनाने के लिए छोड़ दिया था घर

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विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) के ऑक्शन में देश की महिला क्रिकेटरों की किस्मत खुल गई है. स्मृति मंधना को सबसे ज्यादा 3.40 करोड़ रुपए में RCB ने खरीदा है. वहीं एक गरीब परिवार से आने वाली कारपेंटर की बेटी अमनजोत कौर को मुंबई इंडियंस ने 50 लाख रुपए की बड़ी रकम देकर टीम में शामिल किया है जो ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी का भी हुनर रखती हैं.

पंजाब की अमनजोत कौर को अब तक महज एक मैच में भारत की तरफ से बल्लेबाजी करने का मौक़ा मिला है जिसमें उन्होंने विस्फोटक बल्लेबाजी करते हुए 41 रनों की जिताऊ पारी खेली थी. इसके लिए इन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी मिला था. इसी पारी के दम पर अमनजोत कौर WPL में रातों-रात लाखों रुपए कमा लिए जो मुंबई के लिए खेलते हुए फिनिशर की भूमिका निभा सकती हैं.

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हालांकि, यहां तक पहुंचने के लिए अमनजोत ने काफी संघर्ष किया है. इनकी कहानी काफी प्रेरित करने वाली है.

पिता हैं कारपेंटर

अमनजोत को बचपन से क्रिकेट से बड़ा लगाव था. उनके पिता भूपिंदर सिंह बढ़ई का काम करते हैं. उन्होंने अमनजोत को क्रिकेटर बनाने के लिए बहुत अहम भूमिका निभाई. बेटी के सपने को पूरा करने के लिए 15 साल की उम्र में उनका क्रिकेट अकादमी में दाखिला करा दिया.

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भूपिंदर तब मोहाली में रहते थे, लेकिन बेटी को सही ट्रेनिंग दिलाने के लिए वे चंडीगढ़ शिफ्ट हो गए. वो प्रतिदिन अपनी बेटी अमनजोत कौर को अकादमी छोड़ने और लाने जाते थे. बेटी के करियर को सही दिशा देने के लिए उनका खुद का काम काफी प्रभावित हुआ, लेकिन वे पीछे नहीं हटे और बेटी को क्रिकेटर बनाकर ही माने. 

पिता को है अमनजोत पर गर्व

ऑलराउंडर अमनजोत कौर और उनके पिता की मेहनत रंग लाई. उनके पिता ने उनकी इस कामयाबी पर खुशी जताते हुए कहा ‘ये अमनजोत और उनके परिवार के लिए गर्व का दिन है. वो कुछ अलग करना चाहती थी. उसे क्रिकेट खेलना पसंद था. उसे अपने सपने को जिया और खुद के चोट के बारे में हमसे कभी नहीं बताती थी. उसे लगता था कि अगर मां को उसकी चोट के बारे में पता चला तो उन्हें काफी दुःख होगा.’