स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021 में भारत में प्रति एक लाख लोगों में से 210 को टीबी का शिकार पाया गया है। साल 2015 में भारत में प्रति लाख जनसंख्या पर यह आंकड़ा 256 था।
मंत्रालय की ओर से कहा गया कि कोविड-19 महामारी ने दुनियाभर में टीबी कार्यक्रमों को प्रभावित किया, बावजूद इसके भारत ने 2020 और 2021 में इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। हम आगे भी अपने प्रयासों के माध्यम से देश को टीबी मुक्त बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। साल 2021 के टीबी के आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है। आइए इस गंभीर रोग के कारण और जोखिम कारकों के साथ इससे बचाव के प्रभावी तरीकों के बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।
टीबी की बीमारी के बारे में जानिए
ऐसे लक्षणों को लेकर बरतें सावधानी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, फेफड़ों के अलावा टीबी की बीमारी शरीर के अन्य कई अंगों को भी प्रभावित कर सकती है, जिसमें किडनी, रीढ़ और मस्तिष्क के हिस्से भी शामिल हैं। जब टीबी आपके फेफड़ों के बाहर होती है, तो इसमें शामिल अंगों के अनुसार लक्षण अलग हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, रीढ़ में टीबी की समस्या के कारण पीठ दर्द और किडनी में इस समस्या के कारण मूत्र से खून आने जैसी दिक्कत हो सकती है। इन गंभीर स्थितियों को जानलेवा भी माना जाता है।