यूं तो चुनौतियां सबके लिए समान होती हैं. लेकिन समाज की नाइंसाफ़ी का शिकार कोई समुदाय इसकी जद में ज्यादा होता है. जाति भेद एक दीमक की तरह है, जो समाज को धीरे-धीरे खोखला कर देता है. इस भेदभाव के दलदल में ग़रीबी भी अपना ज़हर घोल देती है. ऐसे में,Continue Reading

रतन टाटा, एक ऐसे बिज़नेसमैन जो लाखों लोगों के Icon और प्रेरणास्त्रोत हैं. Tata Group के Chairman Emeritus रतन टाटा की जीवनी से हर कोई कुछ न कुछ सीख सकता है. चाहे वो कंपनी को आसमान की ऊंचाइयों से भी आगे पहुंचाना हो या समाज के बेसहारों की मदद करना हो येContinue Reading

वक़्त…कुदरत की बनाई वो चीज़ है, जिस पर किसी का बस नहीं चलता. वक्त बदलते देर नहीं लगती. एक पल में जिंदगी पलट जाती है. वक़्त के इस जाल में कभी उर्वशी यादव भी फंसी थीं. कभी गुरुग्राम में करोड़ों के घर में रहने वाली उर्वाशी को सड़क किनारे ‘छोले कुलचे’Continue Reading

इसे भाग्य की विडंबना कहें या माननीयों की मेहरबानी कि देश के भविष्य निर्माता एनपीएस के कारण किस प्रकार अपने परिवार के लालन-पालन को संघर्षरत हो रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण शाहपुर में मिला। जिला कांगड़ा के शाहपुर से बतौर जेबीटी रिटायर हुए तिलक शर्मा की शाहपुर बस स्टैंड मेंContinue Reading

हमारे देश में कई बेटियों और महिलाओ ने हमें गर्व करने का मौका दिया है। देश और विदेश में देश की बेटियों ने हर क्षेत्र में नाम रोशन किया है। फिर चाहे खेल हो या उच्च पदों की नौकरी या राजनीति, हर जगह आपको महिलों का वर्चस्व देखने को मिलContinue Reading

बैंक में प्रोडक्ट मैनेजर की नौकरी. 15.5 लाख रुपए का सालाना पैकेज. एमबीए की पढ़ाई करने वाले एक स्टूडेंट के लिए यह एक अच्छा प्लेटफॉर्म था. आमतौर पर लोग इससे खुश रहते हैं. मगर, भोपाल के रहने वाले प्रतीक को खेती पंसद थी. जिसके लिए उन्होंने एक मोटी सैलरी वाली अपनीContinue Reading

“शादी, उत्सव या त्योहार, लिज्जत पापड़ हो हर बार… कर्रम, कुर्रम…कुर्रम कर्रम……” आज भी जब कभी सुपरमार्केट में रखे अलग-अलग तरह के पापड़ पर नजर पड़ती है तो वही यादें ताजा हो जाती हैं. वहीं आंखें जब लिज्जत पापड़ को देखती हैं तो उनमें विश्वास और महिला सशक्तिकरण का भाव झलकताContinue Reading

मेहनत और शौक ये दो ऐसे शब्द हैं जो परस्पर एक दूसरे पर टिके हैं. आदमी मेहनत करता है तो शौक पूरे करता है. या फिर आदमी शौक पूरे करने के लिए मेहनत करता है. ऐसी ही एक शख़्स हैं जो कभी अख़बार बेचकर गुजारा करते थे. बाद में बालContinue Reading

भारत किसानों का देश है और अभी भी लोगों के प्राथमिक आय खेती से ही होती है. मगर ज़्यादातर जगहों पर कम बारिश का होना और काफ़ी पुरानी तकनीक के इस्तेमाल से किसान को उसकी मेहनत का फल नहीं मिल पाता. ज्यादातर किसानों को उपलब्धता की कमी के चलते नुक्सानContinue Reading

कभी छुट्टियों में गांव गए होंगे तो वहां घर पर ही बागान में या किसी कोने में गोबर का ढेर ज़रूर देखा होगा. कहीं-कहीं गोबर के उपले बनाए जाते हैं, कहीं खाद बनाकर खेत में डाला जाता है. शहर में सड़क किनारे गोबर का ढेर देखा ही होगा. कुछ लोगोंContinue Reading