केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चाइल्ड सैक्सुअल एब्यूज मैटीरियल डाऊनलोडिंग और सर्कुलेशन से जुड़े 2 केसों में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के तहत 56 स्थानों पर छापेमारी की है। शनिवार को यह छापेमारी ऑप्रेशन मेघचक्र के तहत की गई है।
शिमला: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चाइल्ड सैक्सुअल एब्यूज मैटीरियल डाऊनलोडिंग और सर्कुलेशन से जुड़े 2 केसों में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के तहत 56 स्थानों पर छापेमारी की है। शनिवार को यह छापेमारी ऑप्रेशन मेघचक्र के तहत की गई है। सिंगापुर और न्यूजीलैंड की इंटरपोल यूनिट के इनपुट्स के आधार पर इस ऑप्रेशन को अंजाम दिया है। इसके तहत हिमाचल के मंडी जिले में भी दबिश दी गई है। देशभर में चले तलाशी अभियान के दौरान 50 से अधिक संदिग्धों के मोबाइल व लैपटॉप सहित इलैक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं।
प्रारंभिक जांच में कथित तौर पर कई इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों में बड़ी मात्रा में सीएसएएम (बाल यौन शोषण सामग्री) का पता चला है, ऐसे मे संदिग्धों से उनके इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों में पाई गई बाल यौन शोषण सामग्री के संबंध में पूछताछ की जा रही है, ताकि बाल पीड़ितों और दुव्र्यवहार करने वालों की पहचान की जा सके। अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए कथित तौर पर बाल यौन शोषण सामग्री शेयर करने में शामिल लोगों की शुरूआती जानकारी इंटरपोल न्यूजीलैंड से मिली थी।
इससे पहले वर्ष 2021 में सीबीआई ने ऑप्रेशन कार्बन को अंजाम दिया था। उस दौरान देशभर में 76 ठिकानों पर रेड की गई थी और कई गिरफ्तारियां की गई थीं। ऑप्रेशन मेघचक्र के जरिए जांच एजैंसी बाल यौन शोषण सामग्री ऑनलाइन शेयर करने में शामिल लोगों का पता लगा रही है। माना जा रहा है कि इस तरह के रैकेट को एक व्यक्ति या एक संगठन के स्तर पर भी चलाया जाता है तथा पैडलर नाबालिगों से जुड़ी यौन सामग्री को सर्कुलेट करते हैं।