डीसीजीआई से मिला प्रमाणपत्र: सीआरआई कसौली ने तैयार की नई टीडी डिप्थीरिया वैक्सीन

 केंद्रीय अनुसंधान संस्थान पहले भी इस तरह की वैक्सीन डीटी नाम से बना चुका है। इसका टीका छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को लगाया जाता था। अब इसे और बेहतरीन शोध  प्रक्रियाओं में शामिल कर तैयार किया गया है। यह टीडी वैक्सीन टेटनस कम अडल्ट डिप्थीरिया वैक्सीन होगी।

अब कटने और गलघोंटू बीमारी पर एक ही टीका लगेगा। केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआई) कसौली ने टीडी नाम से वैक्सीन तैयार की है। यह वैक्सीन टीटी और डीटी के मिश्रण से तैयार की है। टीके का ट्रायल सफल हो गया है। अब इसे बाजार में उतारे की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने भी मंजूरी देकर प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। अब जल्द लोगों को यह वैक्सीन बाजार में भी मिलेगी। जानकारी के अनुसार अनुसंधान संस्थान पहले भी इस तरह की वैक्सीन डीटी नाम से बना चुका है।

इसका टीका छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को लगाया जाता था। अब इसे और बेहतरीन शोध  प्रक्रियाओं में शामिल कर तैयार किया गया है। यह टीडी वैक्सीन टेटनस कम अडल्ट डिप्थीरिया वैक्सीन होगी। इसका एक ही टीका लगाने पर कटने-फटने सहित गलघोंटू बीमारी का उपचार होगा। गलघोंटू बहुत पुरानी बीमारी है, जो अब दोबारा बच्चों सहित बड़ों को होने लग गई है। यह बीमारी अधिकतर दिल्ली सहित यूपी जैसे क्षेत्र में अधिक है। अनुसंधान की ओर से विभन्न निरीक्षण के बाद करीब दो वर्ष में इस वैक्सीन को तैयार करने में सफलता हासिल की है। 

इन बीमारियों पर लगेगी वैक्सीन

किसी भी व्यक्ति के गिरने, कटने सहित छिलने पर लगने वाली चोट के दौरान टेटनस का इंजेक्शन लगाना आवश्यक होता है। इसके साथ डिप्थीरिया रोग के लिए डिप्थीरिया वैक्सीन का टीका लगता है। डिप्थीरिया संक्रामक रोग है, जो दो वर्ष से लेकर दस वर्ष तक की आयु के बच्चों को अधिक होता है। अब यह रोग बच्चों सहित हर आयु वर्ग के लोगों को भी हो रहा है। यह रोग अधिकतर गले में होता है, और इससे टांसिल भी होते हैं। इसके बैक्टीरिया टांसिल और श्वास नली को सबसे ज्यादा संक्रमित करते हैं। सांस लेने में दिक्कत, गर्दन में सूजन, बुखार, खांसी आदि डिप्थीरिया बीमारी के लक्षण हैं।

जल्द बाजार में होगी उपलब्ध: डॉ. यशवंत कुमार

सीआरआई के सहायक निदेशक डॉ. यशवंत कुमार ने बताया कि संस्थान ने टेटनस कम अडल्ट डिप्थीरिया वैक्सीन तैयार कर ली है। इसे बाजार में उतारने की मंजूरी भी मिल गई है। संस्थान पहले भी इस तरह की वैक्सीन डीटी के रूप में निकाल चुका है। जल्द वैक्सीन के कॉमर्शियल बैच मार्केट में उतारे जाएंगे।