शहरों में रह कर भले ही हम प्रगतिशीलता का पैरहन ओढ़ कर आधुनिक सोच के मालिक कहे जाएं लेकिन सच तो यही है कि जातिवादी सोच आज भी देश के कई इलाकों में मजबूत पकड़ बनाए है. किसी को भी उसकी जाति के नाम से संबोधित करना और नीचा दिखाना देश के कई इलाकों में आम बात है.
लोगों ने जिस नाम से चिढ़ाया सुधीर ने उसी को ब्रांड बना लिया
Indiangoodscompany
प्रगतिशील सोच रखने वाले ये तो सोचते हैं कि ये जातिवाद खत्म होना चाहिए लेकिन इसका सटीक हल किसी के पास नहीं. ऐसे में इसका हल वही निकाल सकता है जिसने इस चुभन को महसूस किया है और इस अपमान को जिया है. ठीक उसी तरह जिस तरह सुधीर राजभर ने ये अपमान महसूस किया और फिर इस अपमान को सम्मान बनाने की कोशिश में जुट गए. सुधीर बचपन से ही जातिगत तंज सुनते आए हैं. उन्हें उनकी जाति का नाम लेकर संबोधित किया जाता था, चिढ़ाया जाता था. अब समय बीतने के साथ सुधीर ने इसी जातिगत तंज को एक ब्रांड में बदल दिया है.
आज सुधीर का ‘CHAMAR’ ब्रांड देश के साथ साथ विदेशों में भी सफल हो रहा है. इस ब्रांड के अंतर्गत सुधीर बैग और बेल्ट बनाते हैं. इस ब्रांड की खास बात ये है कि ये इको फ्रेंडली और हैंडमेड हैं.
गाँव जाने पर जातिगत तंज सुनने को मिलते थे
Indiangoodscompany
34 साल के सुधीर उत्तर प्रदेश के जौनपुर से संबंध रखते हैं लेकिन यहां उनका कम ही आना जाना हुआ है. उनका पालनपोषण मुंबई में हुआ. यहीं से उन्होंने ड्राइंग और पेंटिंग में बैचलर डिग्री प्राप्त की. सुधीर जब भी अपने गांव जाते तो लोग उन्हें ‘भर’ और ‘चमार’ कह कर चिढ़ाते. ये शब्द एक तरह से अपमान के रूप में प्रयोग किये जाते थे. समय के साथ सुधीर ने खुद से एक वादा किया कि वह इस शब्द के प्रति सम्मान वापस लाएंगे. इसके लिए उन्होंने वही काम चुना जिससे इस जाति के लोगों की पहचान है, यानी की चमड़े का काम.
धारावी से शुरू हुआ चामार स्टूडियो का सफर
Indiangoodscompany
इसके बाद सुधीर ने मुंबई ही नहीं, एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती ‘धारावी’ के छोटे से कोन में एक ब्रैंड खोला और इसे नाम दिया ‘चमार स्टूडियो’. सुधीर ने अपने इस ब्रांड के द्वारा अनुसूचित जाति और मुस्लिम समाज के कई लोगों को काम दिया.
शुरुआत में सुधीर कपड़े के बैग बनाते थे लेकिन फिर उन्होंने जाति से जुड़े इस शब्द को लोगों के बीच लाने का फैसला किया. जिससे कि लोग समझ पाएं कि चमार कोई जाति नहीं बल्कि एक एक पेशा था, पेशा है. सुधीर के ब्रांड के प्रोडक्ट्स छोटे स्टोर सहित कई बड़े शोरूम तक में उपलब्ध हैं. इसके साथ ही ये ब्रांड ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर भी उपलब्ध है.
विदेशों में भी भेजे जाते हैं प्रोडक्ट
Indiangoodscompany
सुधीर के कई प्रोडक्ट दिल्ली और बिहार सहित कई राज्यों में भेजे जाते हैं. इसके अलावा इनके कई प्रोडक्ट अमेरिका,जर्मनी और जापान भी भेजे गए हैं. हालांकि सुधीर ने इस ब्रांड को अभी तक किसी स्टोर की शक्ल नहीं दी है. इसकी सिर्फ ऑनलाइन बिक्री होती है लेकिन सुधीर जल्द ही स्टोर खोलने वाले हैं.
इसके साथ ही सुधीर ने CHAMAR HAVELI नाम से भी एक प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसके लिए उन्होंने राजस्थान में 300 साल पुरानी हवेली खरीदी है. फिलहाल इसकी मरम्मत चल रही है. सुधीर इसे एक ऐसी जगह बनाना चाहते हैं जहां दुनियाभर के आर्टिस्ट आ कर रुक सकें.