चंबा : हर्ष महाजन को लेकर क्यों इतरा रही भाजपा, 15 सालों से चुनावी राजनीति से पलायन

शिमला, 30 सितंबर : आखिरकार चम्बा विधानसभा से लम्बे समय तक चुनावी दौड़ से बाहर रहे पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हर्ष महाजन भाजपा में चले गए।  2003 में अपना अंतिम चुनाव लड़ने वाले हर्ष महाजन ने 2007 में चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। उसके बाद आज तक उन्होंने चुनाव लड़ने से परहेज ही किया है। ज्यादातर शिमला में रहकर उन्होंने संगठन की राजनीति की। पिछली वीरभद्र सरकार में वह कॉपरेटिव बैंक चेयरमैन जैसे महत्वपूर्ण औहदे पर भी रहे। संगठन में भी अच्छे पदों का लुत्फ़ उठाया।

               2007 में जब उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया तो चम्बा के उनके समर्थक फूट- फूट कर रोए मगर वह नहीं पसीजे। उनके चुनाव न लड़ने पर कई अफवाएं भी उडी। इसके पीछे कई थियोरियाँ भी राजनीतिक हलकों में उनके विरोधियों ने फैलाई। आज तक  इस कारण का खुलासा नहीं हुआ की वह चुनावी राजनीति से दूर क्यों भागे। अब भाजपा उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर खूब इतरा रही है। उनके आने से पार्टी को क्या फायदा होगा यह भाजपा को भी पता नहीं। जो भी हो फ़िलहाल भाजपा के वर्तमान विधायक पवन नैयर के लिए जरूर मुश्किलें खड़ी हो गई है। चुनाव में अगर भाजपा उन्हें टिकट देती है तो क्या पवन के समर्थक हर्ष महाजन को स्वीकार कर सकेंगे।

                फ़िलहाल कांग्रेस में नीरज नैयर का टिकट लगभग फाइनल हो गया है।  इसलिए चम्बा में रोचक जंग होगी इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता।  चम्बा विधानसभा के राजनीतिक इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो यहां स्वर्गीय किशोरी लाल 1967 से लेकर 1977 तक विधायक रहे।  उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में पीडब्ल्यूडी  जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय भी मिला। उसके बाद सागर चंद नैयर 1982 व 1985 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक रहे साथ ही शिक्षा जैसा कैबिनेट मंत्रालय भी उन्हें मिला।  1990 में उन्हें किशोरी लाल से हार का सामना करना पड़ा। फिर 1993 में हर्ष महाजन पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुने गए। हालांकि उनके पिता  स्वर्गीय देश राज महाजन बनीखेत सीट से चुनाव लड़ते रहे। मगर आशा कुमारी के बनीखेत से चुनाव लड़ने के कारण हर्ष को चम्बा से मौका दिया गया।

                 उसके बाद उन्होंने 1998 व 2003 में भी जीत कर विजयी हैट्रिक लगाई। पशुपालन जैसे विभाग के कैबिनेट मंत्री भी रहे।  2007 में अचानक उन्होंने चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी।  उसके बाद यहां से भाजपा के बालकृष्ण चौहान 2007 व 2012 में चुनाव जीते। 2017 में भाजपा ने पवन नैयर को मैदान में उतारा और वह जीते। अब पवन नैयर व हर्ष महाजन में से भाजपा किसे टिकट देती है यह आने वाला वक्त बताएगा। मगर कांग्रेस के नीरज नैयर के लिए राह आसान होती नजर आ रही है।