हिमाचल की कांग्रेस लीडरशिप को राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एकजुटता का पाठ पढ़ाया है। राज्य कांग्रेस के सभी प्रमुख नेताओं को सोनिया गांधी ने दिल्ली बुलाया था। दोपहर बाद हुई इस मुलाकात में चुनाव से पहले आपस में फूट से बचने की नसीहत दी गई। राज्य कांग्रेस में लीडरशिप चेंज के स्वरों के बीच यह मांग भी उठी कि पार्टी प्रत्याशियों का चयन समय रहते कर लें। बैठक में एक नेता ने कहा कि प्रदेश में पार्टी नेतृत्त्व बदलना चाहिए। दूसरे नेता ने कहा कि जो भी करना है, अतिशीघ्र करें। कुछ नेताओं ने कहा कि राज्य में विधाानसभा चुनाव समय से पहले हो सकते हैं। इसलिए अगर कोई बदलाव करना है तो अभी कर लें। वहीं, मीटिंग में आम आदमी पार्टी के इफेक्ट पर भी चर्चा हुई।
जिन कांग्रेस नेताओं को इस बैठक में बुलाया गया था, उनमें नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर, सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, आश्रय शर्मा, हर्ष महाजन, हर्षवर्धन चौहान, रामलाल ठाकुर, प्रतिभा सिंह, विप्लव ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह, कौल सिंह, रजनीश कीमटा, चंद्र कुमार, सुखविंदर सिंह सुक्खू, आशा कुमारी, कर्नल धनीराम शांडिल, राजेश धर्माणी, कुलदीप कुमार, आरएस बाली और पवन काजल शामिल थे। केंद्रीय प्रतिनिधियों के तौर पर हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, सह प्रभारी संजय सिंह और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा आदि भी इस बैठक में शामिल थे। बैठक में सबसे पहले सोनिया गांधी ने आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बात रखी और नेताओं को एकजुटता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए अच्छे नहीं रहे हैं और पंजाब के बाद पार्टी हिमाचल को हाथ से नहीं जाने देना चाहती। इसके बाद सभी प्रमुख नेताओं ने संक्षिप्त रूप से अपनी बात रखी। इसी दौरान राज्य में लीडरशिप में परिवर्तन की बात भी आई। हालांकि इस को लेकर कांग्रेस अलग से फैसला लेगी। यह बदलाव प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष दोनों पदों पर हो सकता है। इस बैठक के बाद हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला चुनाव से पहले के लिए बनाई गई कार्ययोजना पर लिए गए फैसलों को लागू करवाएंगे। इस कारण हिमाचल कांग्रेस में आने वाले दिनों में कुछ बदलाव संभावित है। (एचडीएम)
पार्टी नेतृत्त्व में अब बड़े बदलाव संभावित
सोनिया गांधी ने आम आदमी पार्टी के हिमाचल में होने वाले इफेक्ट पर भी फीडबैक लिया। हिमाचल कांग्रेस के अधिकांश नेताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी के हिमाचल आने का कुछ असर जरूर होगा, लेकिन इतना नहीं कि कांग्रेस के सत्ता में आने की संभावनाएं प्रभावित हों। इसके लिए पार्टी को समय रहते कुछ कदम उठाने होंगे। इनमें नेतृत्व में बदलाव के साथ समय रहते प्रत्याशियों का चयन भी महत्त्वपूर्ण है। इस बैठक से पहले या बाद में सोनिया गांधी ने वन-टू-वन मुलाकात नहीं की। इस कारण संभावित बदलावों पर ओपन चर्चा नहीं हो पाई।