Char Dham Yatra: ज़्यादा काम करवाने की वजह से मौत की कगार पर खच्चर, 20 दिनों में 60 से ज़्यादा की मौत

चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) 3 मई को शुरू हुई थी. कोविड की वजह से 2 साल तक यात्रा स्थगित रहने के बाद श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति दी गई. लेकिन अब तक इस यात्रा में 100 से ऊपर लोगों की मौत हो चुकी है. सिर्फ़ लोगों की नहीं, रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक यात्रा में कई खच्चरों की मौत हो चुकी है.  

चार धाम यात्रा की राह में मर रहे हैं बेज़ुबान जानवर

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चार धाम यात्रा में खच्चर और घोड़ों (Mules and Horses) की मदद ली जाती है. श्रद्धालु सामान आदि को उन पर लाद कर गंतव्य तक पहुंचाया जाता है. The Times of India की रिपोर्ट अनुसार, यात्रा के पहले 20 दिन में ही ज़्यादा काम करने की वजह से 60 से अधिक पशुओं की मौत हो गई. पशुओं के संचालकों (Handler) को दो साल बाद कमाई करने का मौका मिला, इस वजह से वे पशुओं से अधिक से अधिक काम करवाने लगे.

पशुपालन विभाग के मंत्री ने दी हिदायत

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पशुओं की मौत की ख़बरें सामने आने के बाद राज्य सरकार भी हरकत में आई. पशुपालन विभाग के मंत्री, सौरभ बहुगुणा ने पशु संचालकों को पशुओं से अधिक काम न लेने की हिदायत दी. गौरतलब है कि इसके बावजूद ज़मीनी हकीकत नहीं बदली.

पशुओं को मारा जाता है, दवाई देकर काम करवाया जाता है

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स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं के अनुसार, पशुओं को उनके संचालक बेरहमी से मारते हैं. संचालक, राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमों की आराम से अनदेखी कर रहे हैं. पशुओं को चलाने के लिए उन्हें नशीली दवाइयां दी जाती है और काम करवाया जाता है. कुछ यात्रियों ने ये भी बताया कि अगर पशु गिर जाते हैं तो भी उन्हें संचालक लाठी से पीटते हैं.

एक अधिकारी ने बताया कि 2013 बाढ़ से पहले यात्रा के मार्ग में चार रेस्ट और चेक अप स्टॉप थे. नए रास्ते पर पशुओं के आराम के लिए एक भी स्थान नहीं है.

पशुओं के साथ हो रही अमानवीयता की खबरें आने के बाद, रुद्रप्रयाग चीफ़ वेटेरिनरी ऑफ़िस (Rudraprayag Chief Veterinary Office) के अधिकारियों  को ट्रेक की शुरुआत में पुलिस और एक प्रशासनिक अधिकारी के साथ तैनात किया गया है. ये टीम रेजिस्ट्रेशन्स की जांच कर रही है और थके, बीमार जानवरों पर भी नज़र रख रही है.

यात्रा के रास्ते में बस दुर्घटना

 

उत्तरकाशी में रविवार रात को भीषण सड़क हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई. पन्ना, मध्य प्रदेश के यात्री इस बस में सवार थे. बस में ड्राइवर और हेल्पर के अलावा 28 लोग सवार थे. नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवार को 2 लाख और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है. ये बस यमुनोत्री धाम की ओर जा रही थी.