चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) के लिए देशभर से श्रद्धालु हर साल उत्तराखंड (Uttarakhand) पहुंचते हैं। यह यात्रा अब जल्द ही शुरू होने वाली है। इसके अलावा इस बार उत्तराखंड प्रशासन ने यात्रा के नियमों में सख्ती की है। इसकी अनदेखी पर श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। आइए बताते हैं कि चार धाम यात्रा कब से शुरू होगी और इसके लिए क्या नियम जरूरी किए गए हैं, मंदिरों के कपाट कब खुलेंगे?
इस बार चार धाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं का तीन तरीके से सत्यापन किया जाएगा। रिस्ट बैंड, फिजिकल और क्यूआर कोड से सत्यापन कराने में श्रद्घालुओं और प्रशासन दोनों को सहूलियत होगी। इससे पहले सत्यापन के लिए यात्रियों को कई घंटों तक लाइन में लगना पड़ता था। अब इस व्यवस्था से काफी राहत मिलेगी। इस बार चार मई से कैलाश यात्रा भी शुरू हो रही है।
ये रहेगा यात्रा का शेड्यूल
उत्तराखंड में चारों धामों की यात्रा 20 अप्रैल से शुरू हो जाएगी। श्री बद्रीनाथ (Badrinath) और केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) समिति की ओर से जारी की गई जानकारी के अनुसार इसी महीने के आखिरी में चारों धामों के कपाट खुल जाएंगे। मंदिर कमेटी के अनुसार इस साल गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को खुलेंगे, केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुलेंगे और बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे। इसके अलावा 4 मई से कैलाश यात्रा भी शुरू होने की संभावना है।
त्रियुगीनारायण मंदिर (त्रियुगी-नारायण) उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के त्रियुगीनारायण गांव में स्थित एक बहुत प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। हां जब आप केदारनाथ जाएंगे तो चारधाम यात्रा पैकेज के दौरान त्रियुगीनारायण मंदिर को कवर कर सकते हैं।