कोटी अवैध कटान के मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। कोटी वन रेंज में हुए इस मामले में वन विभाग के 15 अधिकारियों व कर्मचारियों को चार्जशीट किया गया है। हाई कोर्ट के आदेश पर वन विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। ये तमाम अधिकारी कोटी में हुए अवैध कटान के लिए जिम्मेदार पाए गए थे। इन पर जंगल की रक्षा की जिम्मेदारी थी, लेकिन ये अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभा पाए। शिमला जिला के कोटी वन रेंज में 416 पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया था। यह मामला हाईप्रोफाइल बन गया और इसके बाद हाईकोर्ट में पहुंच गया। हाईकोर्ट ने इस मामले में वर्ष 2018 में जांच अधिकारी सहायक वन आरण्यपाल और वन मंडल अधिकारी को निलंबित करने के आदेश जारी किए थे। इस मामले में वन विभाग की जांच में वन रक्षक को अवैध कटान के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था, लेकिन हाई कोर्ट ने उन सभी अधिकारियों को जिम्मेदार माना, जो वन रेंज की रक्षा के लिए जिम्मेदार थे।
फिलहाल, हाई कोर्ट के आदेश पर वन विभाग ने 15 कर्मचारियों और अधिकारियों को चार्जशीट किया गया है। इनमें वनरक्षक से लेकर उस समय के सहायक अरण्यपाल भी शामिल हैं। अब हाईक ोर्ट के आदेश पर सरकार की तरफ से सभी को चार्जशीट से जुड़े आदेश भेज दिए गए हैं। गौरतलब है कि शिमला जिला के कोटी रेंज में करीब पांच साल पहले यह अवैध कटान हुआ था। उस समय जंगल से 416 पेड़ काट दिए गए। पेड़ों के कटान के बाद इस मामले में हाई कोर्ट ने सभी अधिकारियों की जवाबदेही तय की और आदेशों में चार्जशीट का फैसला लिया गया है। वन विभाग के प्रधान मुख्य वन आरण्यपाल अजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर अमल किया गया है। सभी अधिकारियों को चार्जशीट से जुड़े आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए ज्यादा नहीं कहा जा सकता है। (एचडीएम)