सस्‍ते पाम तेल ने कराई निवेशकों की ‘चांदी’, एचयूएल, ब्रिटानिया गोदरेज के शेयरों में बड़ा उछाल, किसने दिया कितना फायदा?

नई दिल्‍ली. ग्‍लोबल मार्केट में क्रूड पाम ऑयल की कीमतों में आ रही गिरावट का लाभ उपभोक्‍ताओं के साथ शेयर बाजार के निवेशक भी उठा रहे हैं. उपभोक्‍ता उत्‍पाद बनाने वाली कंपनियों के स्‍टॉक्‍स में क्रूड सस्‍ता होने से बड़ा उछाल आया है.

हिंदुस्‍तान यूनिलीवर (HUL), ब्रिटानिया और गोदरेज कंज्‍यूमर जैसी कंपनियों के शेयरों में बुधवार को तगड़ा उछाल दिखा. इन कंपनियों को सस्‍ते पॉम तेल का बड़ा लाभ हुआ है. बीएसई पर गोदरेज के शेयरों में आज दोपहर 4.92 फीसदी का तगड़ा उछाल दिखा जबकि ब्रिटानिया के शेयरों में 3.41 फीसदी की तेजी रही. इसी तरह, एचयूएल के शेयर 2.95 फीसदी की बढ़त के साथ 2,472.25 रुपये के भाव पर ट्रेडिंग करने लगे.

पाम तेल की कीमतों में कुछ सप्‍ताह के दौरान 35 फीसदी गिरावट आई है.

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35 फीसदी घट गए दाम
ग्‍लोबल मार्केट में क्रूड पाम तेल की वायदा कीमत में पिछले कुछ सप्‍ताह के दौरान 35 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है. यह गिरावट इंडोनेशिया से पाम तेल का निर्यात दोबारा शुरू होने और वैश्विक खपत में कमी आने की रिपोर्ट के कारण दिख रही है. मलेशिया के पाम तेल का वायदा भाव 8 फीसदी गिरकर एक साल के निचले स्‍तर पर चला गया है. यहां इस साल पाम तेल की बंपर पैदावार होने का अनुमान है, जिससे कीमतों पर दबाव है. रॉयटर ने मंगलवार को एक पोल के जरिये बताया था कि मलेशिया से पाम तेल का निर्यात जून के अंत तक 12.3 फीसदी बढ़ गया है.

एफएमसीजी कंपनियों की जरूरत
घरेलू एफएमसीजी कंपनियों के लिए पाम तेल सबसे जरूरी उत्‍पाद माना जाता है. इसकी कीमतों में तेजी से गिरावट आने से इन कंपनियों की कमाई बढ़ने की पूरी उम्‍मीद है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पाम तेल की कीमतों में अचानक उछाल आने के बाद इन कंपनियों ने अपने उत्‍पादों की कीमतें भी बढ़ा दीं थी. अब पाम तेल सस्‍ता होने पर अनुमान है कि एफएमसीजी उत्‍पादों की महंगाई में भी नरमी आएगी.

इंडोनेशिया ने अपना उत्‍पादन बढ़ाने के साथ पाम तेल के निर्यात पर लगने वाले टैक्‍स को भी 575 डॉलर प्रति टन से घटाकर 488 डॉलर प्रति टन कर दिया है. इसका फायदा भारत जैसे बड़े आयात देशों को होगा. भारत अपनी कुल जरूरत का 60 फीसदी खाद्य तेल आयात करता है, जिसमें पाम की सबसे बड़ी हिस्‍सेदारी है.